New Delhi। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनका मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ देश के लोगों के लिए अच्छाई और सकारात्मकता का अनूठा पर्व बन गया है। अपने मासिक रेडियो प्रसारण के 100वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा, दोस्तों, 3 अक्टूबर, 2014 (जिस दिन पहला एपिसोड प्रसारित हुआ था) विजयादशमी का त्योहार था और हम सबने मिलकर उस दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की थी।

पीएम मोदी ने कहा, आज ‘मन की बात’ का सौवां एपिसोड है। आप सभी के हजारों पत्र मिले, लाखों संदेश मिले और मैंने पढ़ने की कोशिश की है, संदेशों को समझने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि चाहे शिक्षा की बात हो या संस्कृति की, चाहे उसके संरक्षण की बात हो या उसके प्रचार-प्रसार की, यह भारत की प्राचीन परंपरा रही है।

जनभागीदारी का एक अद्भुत उदाहरण

देश आज इस दिशा में जो काम कर रहा है वह वाकई काबिले तारीफ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प, चाहे शिक्षा में तकनीकी एकीकरण, ऐसे कई प्रयास आपने देखे होंगे। वर्षों पहले शुरू किए गए कार्यक्रम ‘गुणोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव’ गुजरात में बेहतर शिक्षा प्रदान करने और स्कूल छोड़ने वालों की दर को कम करने के लिए जनभागीदारी का एक अद्भुत उदाहरण बन गया था।

‘मन की बात’ एक माला में धागे की तरह

मोदी ने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने कई ऐसे लोगों के प्रयासों को उजागर करने का प्रयास किया है, जो नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में ‘मन की बात’ एक माला में धागे की तरह है। उन्होंने कहा कि हर कड़ी में देशवासियों की सेवा भावना और क्षमता ने दूसरों को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस कार्यक्रम में हर देशवासी दूसरे देशवासियों के लिए प्रेरणा बनता है। एक तरह से मन की बात का हर एपिसोड अगले एपिसोड की जमीन तैयार करता है। ‘मन की बात’ हमेशा सद्भावना, सेवा-भावना से आगे बढ़ी है।

उन्होंने बड़े धैर्य के साथ कार्यक्रम रिकॉर्ड करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की टीमों को भी धन्यवाद दिया। देश के अलग-अलग हिस्सों में कई केंद्रीय मंत्रियों ने कार्यक्रम को लाइव सुना। देश भर के राजभवनों में राज्यपालों और उपराज्यपालों ने भी कार्यक्रम को लाइव सुना। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कार्यक्रम को सुना।

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