रांची: रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा समेत अनेक विशिष्ट शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का के गांव जारी आने का निमंत्रण दिया. प्रेस कांफ्रेंस में बताय़ा गया कि इसके पूर्व में अनेक अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी, प्रसिद्ध चिकित्सक, विशिष्ट जनजाति समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री को अल्बर्ट एक्का के गांव में आने का निमंत्रण दिया है. डॉ. सिन्हा ने कहा कि अल्बर्ट एक्का को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उनके सम्मान में डॉक्यूमेंट तैयार करना चाहिए और उन पर रिसर्च करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अल्बर्ट एक्का से जुड़ा एक म्यूजियम उनके गांव जारी में बनाने की जरूरत है. साथ ही उनकी जीवनी को सिलेबस में शामिल किया जाना चाहिए.

अलबर्ट एक्का की जीवनी प्रेरणादायक

प्रसिद्ध राजनीतिक विज्ञान की विशेषज्ञ डॉ. धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का सपना देख रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का की जीवनी और उनकी वीरता प्रेरणादायक है. उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के द्वारा डॉक्यूमेंट तैयार कर लोगों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा. वहीं ललित ओझा ने कहा कि झारखंड के युवाओं के पास चुनौती है कि वह परमवीर की वीरता को आम लोगों तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आने से गांव का चहुमुखी विकास के साथ युवाओं के अंदर राजभक्ति की भावना जागृति होगी.

पीएम का जवानों से गहरा लगाव

हिंदू जागरण मंच के प्रभावशाली नेता सुजीत सिंह ने कहा कि जिस प्रकार हम प्रभु राम के लिए समर्पित हैं, वैसे ही देश सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. रांची विश्वविद्यालय के स्टेट ऑफिसर और कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अर्जुन राम ने कहा कि प्रधानमंत्री जन जन के प्रिय हैं. उन्होंने कहा कि भारत के जवानों और उनके परिवार जनों के साथ उनका गहरा लगाव है. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री जी इस आयोजन में आएंगे तो पूर्व सैनिकों के साथ शहीद होने वाले परिवारों में भी आशा की किरण जगेगी. वोकेशनल शिक्षक संघ रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अवधेश ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार अल्बर्ट एक्का ने मात्र 29 वर्ष की आयु में देश के लिए प्राणों की आहुति दी, उसी प्रकार युवाओं को उनसे प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र सेवा के लिए अग्रसर होना चाहिए. संयोजक डॉ. अटल पांडेय ने बताया कि सभी जिले से लोग शामिल होंगे और गुमला से 75 गांव के 30 हज़ार लोग शामिल होंगे.

ये रहे मौजूद

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य संयोजक स्वामी दिव्यज्ञान ने कहा कि यह कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा जो लंबे समय तक याद किया जाएगा. अध्यक्षता जनजाति समाज की चंदा कुमारी ने की. इसके अलावा मनोज कुमार शर्मा, चंदन कुमार, रेशमा कुमारी, कन्हैया कुमार, नयन कुमार और ऋषि सिंह सरदार आदि ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया.

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