नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) राज्यसभा में सदन के नेता (Leader of the House in Rajya Sabha) होंगे. इससे पहले थावरचंद गहलोत इस पद पर थे लेकिन उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यह पद खाली हो गया था. गोयल वर्तमान में उच्च सदन के उपनेता हैं. वरिष्ठ सांसद के तौर पर गोयल एक प्रभावी फ्लोर मैनेजर रहे हैं, उनके नेतृत्व में तीन तालक और अनुच्छेद 370 जैसे महत्वपूर्ण बिल पारित किए गए है. महाराष्ट्र के रहने वाले गोयल का राज्य के लोगों और सदन के विपक्षी नेताओं के साथ एक उत्कृष्ट तालमेल है.
गोयल पहले रेल मंत्री थे लेकिन हाल ही में कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद वह वाणिज्य और उद्योग सहित तीन विभागों का जिम्मा संभाल रहे हैं. पीयूष गोयल 2010 से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. सदन में उनका विपक्षी नेताओं से अच्छा तालमेल है. इससे पहले राज्यसभा में नेता के लिए भाजपा की तरफ से निर्मला सीतारमण और भूपेंद्र यादव के नाम पर भी विचार हुआ था.
इन नेताओं के नाम पर भी हुआ था विचार
इससे पहले, जो दूसरा नाम चर्चा में था, वह श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव का था, जिन्हें हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. यादव एक अनुभवी राजनेता रहे हैं, जो संसदीय कार्यवाही के नियमों और कायदों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.
सदन के नेता के तौर पर एक और प्रमुख नाम जो सामने आया वह था वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का था. वह पीएम मोदी के कार्यकाल में देश की पहली पूर्णकालिक वित्त और रक्षा मंत्री हैं. वह वर्तमान में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी और सुरक्षा के लिए कैबिनेट कमेटी में एकमात्र महिला हैं. दिलचस्प बात यह है कि गहलोत से ठीक पहले इसी पद पर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली थे जिन्होंने सीतारमण को सलाह दी थी. विपक्षी बेंच में नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखने वाले जेटली अपने तीखे राजनीतिक विश्लेषण और कानूनी दलीलों के लिए जाने जाते थे.
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा. आमतौर पर जुलाई में शुरू होने वाला मानसून सत्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष सितंबर में आरंभ हुआ था.