धनबाद : सेंट्रल अस्पताल के ठीक सामने पान की दुकान चलाने वाले पिंटू साव की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में चाचा अजीत साव और उनकी बहू संजू देवी को शुक्रवार को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। न्यायालय में पेश करने के पहले पुलिस ने अजीत साव और संजू देवी से लंबी पूछताछ की। यह बात आई कि बीते अगस्त माह में अजीत साव के पोते समर की बीमारी से मौत हो गई थी। पिंटू के परिवार के साथ अजीत साव और उनके घर वालों का अक्सर विवाद होता था।
पिंटू के घरवाले हमेशा शाप देते थे कि उनकी औलाद नहीं बचेगी। पोते के मरने के बाद पूरा परिवार बौखला गया था। प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया गया। पोते की मौत के बाद परिवार ने नूतनडीह का घर छोड़ दिया था। पुलिस अनुसंधान में यह बात आई है कि पिंटू की हत्या की पटकथा बीते अगस्त में लिख दी गई थी। जांच में इस बात की आशंका व्यक्त की गई है कि पिंटू को मारने वाले शूटर बिहार के हो सकते हैं। आरोपियों का पैतृक गांव बिहार के बाढ़ में है। अजीत के बड़े बेटे मंटू का विवाह नालंदा में हुआ है। पुलिस अनुसंधान में पता चला है कि पोते समर के मरने के बाद अजीत साव ने सुभाषनगर के सिद्धि अपार्टमेंट में किराया पर फ्लैट लिया। नूतनडीह में किसी को भनक नहीं लगने दी कि वे लोग कहां रह रहे हैं।
वही पर पिंटू की हत्या करने की बात हुई थी। पुलिस की पूछताछ में अजीत साव बोले कि उन्हें हत्या के दिन की जानकारी हुई थी। इसके अलावा और कुछ पता नहीं था। सारा इंतजाम बेटों ने किया था। अजीत साव के बेटे मंटू और संटू साव को गिरफ्तार के लिए धनबाद पुलिस बिहार के बाढ़ गई। मंटू एवं संटू को भनक लग गई। दोनों भाग निकले। उनका एक और भाई छोटू साव ओड़िशा में है। पुलिस उसे भी लाने की तैयारी में है। अजीत की पत्नी निर्मला भी नहीं पकड़ाई है। थाना प्रभारी किशोर तिर्की ने कहा कि हत्या में शामिल शूटर तभी पकड़े जाएंगे जब तीनों भाइयों की गिरफ्तारी होगी। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि पिंटू को मारा गया, वहां विवाह समारोह चल रहा था। मंटू भी विवाह समारोह में शामिल था। शूटरों के सामने पिंटू की पहचान मिंटू ने ही कराई थी।