JoharLive Team

गया । देश-विदेश से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति को लेकर सनातन धर्मावलंबी गयाजी आए हुए हैं। सत्रह दिवसीय गयाजी श्राद्ध के क्रम में बुधवार को विष्णुपद सहित 19 वेदियों पर पिंडदानियों ने पिंडदान और जल तर्पण किया। विष्णपद मंदिर परिसर में सुबह के ही हजारों की संख्या में रहे सनातन धर्मावलंबी पहुंचे। इसके पूर्व पिंडदानियों ने अंतसलिला फल्गु नदी में स्नान किया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार छठे दिन यानी पंचमी तिथि को विष्णुपद मंदिर और आसपास स्थित 19 वेदियों पर पदरुप तीर्थ पर श्राद्ध करने से एक हजार कुलों के पितरों को अक्षय लोक की प्राप्ति होती हैं। फल्गु नदी में स्नान करने के बाद पिंडदानी मार्कण्डेय महादेव से लेकर उत्तरमानष के बीच स्थित फल्गु तीर्थ पर पिंडदान और जल तर्पण करने पहुंचे। फल्गु नदी के किनारे विष्णुपद हैं। जहां दर्शन, स्पर्श और पूजा करने से पितरों को मोक्ष और अक्षय लोक की प्राप्ति हो जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि भीष्म पितामह शांतनु का श्राद्ध करने आए थे। उन्होंने अपने पितरों को आह्वान किया। शांतनु ने पिंड प्राप्त करने के लिए हाथ बढ़ाया लेकिन भीष्म पितामह ने पिंड शांतनु के हाथ में न देकर भगवान विष्णु के चरण पर अर्पित कर दी। इससे शांतनु ने प्रसन्न होकर भीष्म पितामह को आशीर्वाद देते हुए कहा कि तुम विष्णुपद को प्राप्त करोगे।
गयापाल पंडा समाज के वरिष्ठ सदस्य महेश लाल गुपुत के अनुसार ब्रह्मलोक प्राप्ति के लिए विष्णुपद और बाजपेय यज्ञ के फल की प्राप्ति निमित्त बुधवार को पिंडदानियों ने विष्णुपद सहित 19 वेदियों पर धार्मिक कर्मकांड किया।

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