Joharlive Team

रांची। चारा घोटाले के मामले में सजायाफ्ता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव रिम्स के केली बंगलों में इलाजरत हैं। लेकिन बिहार की राजनीति का एक केली बंगलो एक अहम केंद्र बन चुका है।

भले ही विधानसभा चुनाव बिहार में हो लेकिन मुख्य केंद्र रांची का यह बंगलो बन चुका है और लगातार बिहार के नेता और कार्यकर्ता इस बंगलों का रुख कर रहे हैं। लेकिन इसकी वजह से लालू की मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि जेल मैनुअल के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता मनीष कुमार के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।

याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव लगातार जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और सैकड़ों लोगों से रोज मिलकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। मामले पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोज टंडन ने बताया कि सीबीआई निदेशक, झारखंड के गृह सचिव समेत केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया है।

गौरतलब है कि पूर्व में भी लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में न्यायिक हिरासत में जाने के बाद भी बीएमपी गेस्ट हाउस में रह रहे थे, तब सर्वोच्च न्यायालय ने अविलंब SLP CRL 2296/1998 Order दिनांक 27.11.1998 के द्वारा न्यायिक आदेश के तहत लालू को बेऊर जेल पहुंचाया था। जनहित याचिका में इस आदेश का भी जिक्र किया गया है।

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता हैं। लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से उनका इलाज रिम्स में चल रहा है. रिम्स के पेइंग वार्ड में वह इलाजरत थे लेकिन कोविड-१९ को देखते हुए उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले यानी केली बंगले में शिफ्ट किया गया है।

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