सिमडेगा : जिले में हुए मॉब लिंचिंग मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका के प्रार्थी पंकज कुमार यादव हैं। दायर याचिका में मॉब लिंचिंग के शिकार परिवार को हाल ही में बने मॉब लिंचिंग एक्ट झारखंड के अनुसार न्याय और सुविधा दिलाने के लिए मांग की है। अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से दायर इस जनहित याचिका में झारखंड सरकार, होम सेक्रेटरी, DGP, सीनियर SP और थाना प्रभारी को पार्टी बनाया गया है।
झारखंड भीड़ हिंसा व भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 के विधेयक के तहत भीड़ लिंचिंग के पीड़ित परिवार को कम से कम 5 लाख मुआवजा व दोषियों को उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। यादव तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. तब उस मामले में 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी।
घटना में ग्रामीणों के साथ पुलिस भी दोषी, CBI जांच कराएंगे
मॉब लिंचिंग के शिकार संजू प्रधान के परिजनों से शुक्रवार को BJP के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इसमें BJP के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी शामिल थे। मृतक की पत्नी ने कहा निर्दोष तीन लोगों को आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि घटना में जितना दोषी ग्रामीण उतना दोषी सिमडेगा पुलिस। उन्होंने कहा कि BJP घटना की CBI जांच करवाएगी।
गर्भवती पत्नी की तबीयत बिगड़ी, DC मिलने पहुंचे
इधर संजू प्रधान की पत्नी की तबीयत बिगड़ गई है। जिला प्रशासन ने इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल में भर्थी कराया है। उनका हालचाल जानने DC सुशांत गौरव खुद अस्पताल पहुंचे और उनसे बात की। उन्हें अम्बेडकर आवास योजना व विधवा पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। DC ने कहा कि जांच में पता चला है कि मृतक की पत्नी गर्भवती है। इसलिए एक एएनएम को उनके साथ टैग किया गया है। ताकि उनका समय समय पर मेडिकल चेकअप किया जा सके।
तीन दिन पहले ग्रामीणों ने कर दी थी हत्या
उन्मादी भीड़ ने तीन दिन पहले सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेसराजरा बाजार में लकड़ी तस्करी का आरोप लगा युवक संजू प्रधान की हत्या कर दी। इतना ही नहीं हत्या कर शव को जला दिया। यह सब मृतक की पत्नी के सामने किया गया।