रांची : झारखंड राज्य फिजियोथेरेपी काउंसिल के अधिकारियों ने 13 जनवरी को रांची के कुछ फिजियोथेरेपी क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया. काउंसिल के तरफ से निरीक्षण दल में परिषद् के अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, उपाध्यक्ष डॉ अभय कुमार पाण्डेय, सदस्य सचिव डॉ अजीत कुमार और काउंसिल के सदस्य डॉ देवेंद्र मुंडा थे.

अधिकारियों ने बताया कि काउंसिल को लगातार शिकायत मिल रही थी कि कुछ क्लिनिक बिना निबंधित एवं क्वालिफाइड फिजिथेरापिस्ट के चलाया जा रहा है. इसके बाद टीम गठित करते हुए हरमू चौक स्थित रांची फिजियोथेरेपी क्लिनिक, पहाड़ी मंदिर स्थित सरस्वती फिजियोथेरेपी क्लीनिक में औचक निरीक्षण किया. दोनों ही जगह कार्यरत लोगों के पास काउंसिल द्वारा निबंधन नहीं पाया गया. क्लीनिक संचालकों को शीघ्र निबंधन कराते हुए अपने बोर्ड और क्लीनिक में रजिस्ट्रेशन नंबर को प्रदर्शित करने को कहा.

फर्जी फिजियोथेरेपिस्ट पर लगेगी लगाम

रांची शहर में काउंसिल का यह पहला औचक निरीक्षण है और आगे भी झारखंड के सभी जिलों में यह निरीक्षण जारी रहेगा. जिससे फर्ज़ी और अनट्रेंड फिजियोथेरेपिस्ट पर लगाम लगाई जा सकेगी. राज्य में कार्यरत सभी सरकारी एवं गैर सरकारी फिजियोथेरेपिस्ट को काउंसिल से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. बता दें कि पूर्व में भी काउंसिल द्वारा झारखंड के जमशेदपुर में कुछ क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया गया था.

काउंसिल में जारी है रजिस्ट्रेशन

फिजियोथेरेपी काउंसिल साल भर से ज्यादा समय से राज्य में फिजियोथेरेपी चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन कर रहा है. इसके लिए विभिन्न समाचारपत्रों एवं सोशल मीडिया में सूचना प्रकाशित की गई. जिसमें राज्य में कार्य कर रहे सभी फिजियोथेरेपिस्ट को परिषद से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. परिषद् से रजिस्ट्रेशन के बिना फिजियोथेरेपी क्लीनिक चलाना और मरीजों का ईलाज करना गैर कानूनी है. इसमें जुर्माने और दंड का प्रावधान है.

Share.
Exit mobile version