Joharlive Desk

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “यह अफसोसनाक मुद्दा है और कीमतों में कमी के अलावा कोई भी जवाब लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता। केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने के लिए बात करनी चाहिए ।”

उन्होंने कहा कि, ‘मैं चाहूंगी कि अब भारत में निजी निवेशक और निजी उद्योग पूरे आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ाएं, ताकि यह साबित किया जा सके कि भारत के लिए यह (सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनना) संभव है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, हमें विस्तार की जरूरत है, हमें बहुत से ऐसे उत्पादों के विनिर्माण की जरूरत जरूरत है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘कर में कमी करने के बाद मैं कामधंधों के विस्तार का इंतजार कर रही हूं, मैं भारत में निजी क्षेत्र से अधिक निवेश देखने का इंतजार कर रही हूं।” सरकार ने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट कर की दर में भारी कटौती की थी। दरअसल चेन्नई में वित्त मंत्री ने कहा कि OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था, वह भी नीचे आने की संभावना है जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है। तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है तेल कंपनियां कच्चा तेल आयात करती हैं , रिफाइन करती हैं और बेचती हैं।

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