बेरमो: झालसा रांची कें निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो अनील कुमार मिश्रा के आदेशानुसार विश्व धूम्रपान निषेध दिवस पर कानूनी जागरूकता सह साक्षरता शिविर का आयोजन तेनुघाट व्यवहार न्यायलय मे किया गया. अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने बताया कि 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव द्वारा 31 मई 1988 में शुरुआत की गई. जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध सप्ताह में, जो 25 मई से आरंभ होता है, धूम्रपान उद्योग, स्वास्थ्य के लक्ष्यों को व्यावहारिक होने की दिशा में रुकावट, धूम्रपान उद्योग के मुक़ाबले में धार्मिक मान्यताएं, धूम्रपान को रोकना सबकी ज़िम्मेदारी, धूम्रपान के विस्तार के मुक़ाबले में विधि पालिका, न्याय पालिका और कार्यपालिका की ज़िम्मेदारी और अंततः धूम्रपान की अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों को बंद किया जाए जैसे विषयों की समीक्षा की जाती है. ताकि इस मार्ग से धूम्रपान के सेवन में कमी और आम जनमत के स्वास्थ्य में वृद्धि की दिशा में महत्त्वपूर्ण क़दम उठाया जा सके.

विश्व धूम्रपान निषेध दिवस अथवा ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ अथवा ‘अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस’ प्रत्येक वर्ष 31 मई को मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्रवाई करने का प्रयास किया है. अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक़ तम्बाकू या सिगरेट का सेवन करने वालों को मुंह का कैंसर की होने की आशंका 50 गुना ज़्यादा होती है. तम्बाकू में 25 ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते है. लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के सभी सदस्य ने अपने-अपने विचार रखें. मजदूरों को धूम्रपान से होने वाले बीमारियों के बारे में भी जानकारी दी गई है. कार्यक्रम को सफल बनाने में पैनल अधिवक्ता, पी एल बी, न्यायालय कर्मी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही. उक्त बातों की जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी.

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