Joharlive Team

रांची। झारखंड हाई कोर्ट से महज 2 किलोमीटर दूर नगर निगम के वार्ड नंबर 50 के नदी दीपा टोला में आज भी लोग जंगली जीवन जीने को मजबूर हैं। इस टोला में आदिवासियों की लगभग 50 घरें हैं, लेकिन आज भी इन्हें कठीन समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है।

बस्ती के लोग लंबे समय से नदी पर पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं, ताकि लोगों को जान जोखिम में डालकर इस पार से उस पार आना-जाना न करना पड़े, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है। चुनाव के समय नेता इस टोला में पहुंचते हैं और जल्द नदी पर पुलिया बनाने की बात कहते हैं लेकिन उनके किए वादे कभी पूरी नहीं हो सके हैं। राज्य गठन के करीब 20 होने वाले हैं, लेकिन इस नदी पर आजतक पुलिया का निर्माण नहीं किया गया। बांस के बने इस पुल से नदी पार करने के बाद जब आप इस बस्ती में पहुंचेंगे तो आपको यहां की हकीकत का पता चलेगा।

आज भी इस बस्ती में रहने वाले लोग विकास के नाम से काफी दूर है। बस्ती के लोग आस भी इस आस में हैं कि कोई तो ऐसी सरकार या सरकार अधिकारी यहां पहुंचेगे और इस पुलिया को बनवाएं। अपनी जान जोखिम में डालकर छोटे-छोटे बच्चे इसी पुल से होकर स्कूल जाते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो सबसे ज्यादा दिक्कत बस्ती के लोगों को बारिश के दिनों में होती है जब पुलिया पानी के बहाव में बह जाता है और उस दौरान कोई बीमार पड़ता है।

नदी पार के उस पार महज कुछ ही दूरी पर झारखंड हाई कोर्ट और नेपाल हाउस सचिवालय है. स्कूली बच्चे भी इसी पुल के जरिए जान जोखिम में डालकर रोज स्कूल से घर आना-जाना करते हैं। बरसात के दिनों में जब नदी में पानी भर जाता है तो यहां के लोग हुंडरू होते हुए लंबी दूरी तय कर डोरंडा आते है जो यहां से करीब 7 किलोमीटर पड़ता है। यह बस्ती हटिया विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां से बीजेपी के विधायक नवीन जायसवाल चुनाव जीते हैं।

लोगों का कहना है कि हमेशा कि तरह चुनाव के समय इस बार भी नेता वोट मांगने पहुंचे थे और वादे भी किए थे कि जल्द पुल का निर्माण करा दिया जाएगा, लेकिन चुनाव के बाद दोबोारा यहां नहीं पहुंचे। पुल के निर्माण को लेकर निगम के मेयर आशा लाकड़ा से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रांची के कई वार्ड में नदी पड़ते हैं और उसपर पुल का निर्माण कराया जाना है, ताकि वहां के लोगों को आने-जाने में अधिक दूरी का सामना नहीं करना पड़े. हालांकि मेयर आशा लाकड़ा का कहना है कि वार्ड नंबर 50 के हुंडरू नदी के किनारे आदिवासियों के बस्ती है वहां पर भी जल्द पुल का निर्माण कराया जाएगा।

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