बोकारो: CAA यानी सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट, केंद सरकार का तर्क है कि इसके जरिए पड़ोसी मुल्कों से भारत में शरण लेने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जायेगी. भारत के 3 पडोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जायेगी. गौरतलब है कि 10 फरवरी को ET Now-Global Business Summit में गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू कर दिया जाएगा. शाह ने कहा था कि CAA देश का एक्ट है, इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे. अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि मुस्लिम बहुल देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और इसाई समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जाता है.
वे दूसरे देशों में भागकर यहां शरण लेने को विवश हैं और इसलिए हम उनको भारत की नागरिकता देंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि सीएए, भारत की नागरिकता देने का कानून है न कि किसी की नागरिकता छीनने का. केंद्र सरकार ने कहा कि मानवतावादी दृष्टिकोण के तहत यह फैसला किया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2020 में जब संसद में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर चर्चा शुरू हुई थी. इसको लेकर बोकारो जिला के पेटरवार मे हमारे संवादाता ने लोगो से जानकारी ली तो लोगो ने अपना विचार दी. पेटरवार के रहने वाले सुधीर कुमार सिन्हा ने कहा कि यह कानून को तो पहले ही लागू होना चाहिए था. पूरे देश में खुशी का माहौल है. वहीं अन्य नागरिकों ने कहा कि यह केंद्र सरकार का स्वागत करने योग्य कदम है.
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