राजीव रंजन सिंह
पलामूः प्रतिदिन हजारों कैल्शियम की गोली की खपत हो रही है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल में प्रतिदिन 5 हजार से अधिक कैल्शियम की गोली मरीजों को दी जा रही है. यह आंकड़ा सिर्फ एक अस्पताल का है. जबकि जिले भर में 200 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल चल रहे हैं. 20 लाख की आबादी वाले इलाके में हर महीने की बात करें तो लगभग डेढ़ लाख गोली की खपत केवल एक अस्पताल हो रही है. ये आंकड़े चौंकने वाले जरूर है. चूंकि कैल्शियम की गोली की खपत यह बता रही है कि इलाके में लोग कमजोर हो गए है. इतना ही नहीं लोगों की हड्डियां भी कमजोर हो गई है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के जिले की. नक्सली, अकाल के लिए जाना जाने वाला जिला फ्लोराइड जोन के रूप में स्थापित होता जा रहा है.
एमएमसीएच हर दिन 600 मरीज
पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज आते है. जिनमें 200 से 250 मरीज हड्डी की समस्या से ग्रस्त हैं. मेडिकल कॉलेज के डिस्पेंसरी से अकेले 3 हजार कैल्शियम की गोली मरीजों को दी जा रही है जबकि गायनी वार्ड का आंकड़ा अलग है. वहां से भी महिलाओं को 2 से 3 हजार कैल्शियम की गोली का वितरण प्रतिदिन किया जा रहा है. इसके अलावा मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो महीने में 172 मरीजों का ऑपरेशन किया गया. जिनकी हड्डियां गंभीर रूप से टूट गई थीं. वहीं एक महीने में 300 से अधिक मरीजों की टूटी हड्डियों को जोड़ा गया. एमएमसीएच के अलावा जिला में दो अनुमंडलीय अस्पताल, 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जबकि डेढ़ सौ से अधिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं. जिला में 100 से अधिक निजी अस्पताल भी संचालित हैं.
पलामू बन चुका फ्लोराइड जोन
पलामू फ्लोराइड जोन के रूप में जाना जाता है. जिले के मेदिनीनगर, चैनपुर, बिश्रामपुर, पांडु प्रखंड फ्लोराइड से सबसे अधिक प्रभावित है. मेदिनीनगर के चुकरु के इलाके में फ्लोराइड युक्त पानी के कारण कई लोग दिव्यांग हो गए हैं. फ्लोराइड वाला पानी पीने से हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर और खोखली हो जाती हैं. सरकार द्वारा एक सर्वे करवाया गया था. जिस में कहा गया था कि जीरो से 50 फीट गहराई में सबसे अधिक फ्लोराइड है. 100-150 फीट की गहराई पर मौजूद पानी को संवेदनशील माना गया था. जांच के लिए चापाकल, कुआं और बोरिंग से सैंपल लिए गए थे.
‘एमएमसीएच सुपरिटेंडेंट डीके सिंह कहते हैं कि हॉस्पिटल में प्रतिदिन हजारों कैल्शियम की गोली की डिमांड है. पलामू का इलाका फ्लोराइड जोन से प्रभावित है. जिससे लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं. डॉ. आकाश वर्मा कहते हैं कि डॉक्टर सिर्फ सलाह दे सकते हैं. मरीजों को दवा लिखी जा रही है. कैल्शियम की गोली गर्भवती महिलाओं को भी दी जाती है.’