रांची: रांची में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. कुछ इलाकों में दुकानें खुली है तो कहीं सन्नाटा पसरा हुआ है. आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में कई दलों ने भारत बंद बुलाया है. जिसके तहत अलग-अलग संगठनों के नेता संयुक्त रूप से राजधानी की सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. वहीं कुछ कार्यकर्ता गाड़ियों पर सवार होकर दुकानों को बंद कराते नजर आए. कार्यकर्ताओं को देख दुकानें बंद कर दी गई. वहीं एमजी मार्ग स्थित अल्बर्ट एक्का चौक में एससी-एसटी मोर्चा ने रोड जाम कर दिया. जिससे कि गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई. दो पहिया वाहन रोड साइड से निकलते हुए देखे गए. बंद को लेकर पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी है. भारी संख्या में अधिकारी व जवान हर चौक-चौराहे पर तैनात है.
आरएसएस के इशारे पर काम कर रहा सुप्रीम कोर्ट, दुरुपयोग बंद हो
नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आरएसएस के इशारे पर काम कर रहा है. बाबा साहब ने जो संविधान बनाया था उसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है. संविधान किसलिए बनाया गया था. संजय महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भाजपा और आरएसएस के लिए काम कर रहा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट मनमानी कर रहा है. इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
साथ ही भाजपा शासित राज्य बिहार में एसटी एससी पर हुए लाठी चार्ज का आदिवासी छात्र संघ ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह लाठी चार्ज दर्शाता है कि भाजपा शासित राज्य में एसटी-एससी के लोगों पर तानाशाह रवैया अपना कर उससे अभिव्यक्ति की आजादी को भी छीना जा रहा है जो कि संविधान के लोकतंत्र के विरोध में है. इसे भी हम लोग पूरे देश स्तर पर एक आंदोलन खड़ा करके विरोध करेंगे. तमाम एसटी-एससी, ओबीसी भाई और बंधुओं से निवेदन करेंगे कि जहां-जहां भी भाजपा शासित राज्य है अविलंब जब भी मौका मिले भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है. आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष संजय महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ST/SC आरक्षण में वर्गीकरण एवं क्रिमी लेयर के संबंध में दिए गए निर्णय के विरोध में कॉलेजियम सिस्टम समाप्त करने की मांग की गई. देश के सभी वर्गों को न्यायपालिका में भागीदारी दिए जाने की मांग, पिछड़े वर्ग आरक्षण में क्रिमिलेयर हटाए जाने व जाति जनगणना किए जाने की मांग, देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग, न्यायपालिका में आरक्षण लागू करने को लेकर भारत बंद बुलाया गया था.