JoharLive Team
खूंटी । जलछाजन परियोजना अन्तर्गत तालाब निर्माण, डोभा निर्माण, मेढ़बंदी, जल सोकता, ट्रेंच-सह-मेढ़ निर्माण से किसान आत्मनिर्भर और खुशहाल हो रहे हैं। उन्होंने इस योजना को लाभकारी बताया। इस परियोजना के अंतर्गत कुल नौ डोभा, तीन तालाब व 89 हेक्टेयर में ट्रेंच-सह-मेढ़ का निर्माण किया गया है।
साथ ही 27 हेक्टेयर क्षेत्र में ढबंदी का कार्य वैसी जमीन पर किया गया, जिसका उपयोग अभी तक कृषि कार्य के लिए नहीं होता था। जलछाजन कार्यक्रम के फलस्वरूप हस्सा गांव के ग्रामीण पहले से ज्यादा समय खेतों में दे रहे हैं, जो पहले मजदूरी करने जाते थे। ट्रेंच-कम-मेढ़ निर्माण से लगभग 40 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बनाया गया।
तालाबों एवं डोभा के निर्माण के बाद उनके मेढों पर घास बिछाने का काम किया गया, तो गांव के लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला, जिससे वो काफी उत्साहित हुए। क्षमतावर्धन के माध्यम से गांव के लोगों को रामकृष्ण मिशन में प्रशिक्षण दिया गया। इसका लाभ उठाकर किसानों ने अपनी आमदनी को बढ़ाया और पहले से ज्यादा खुशहाल हुए।
आज वे अपने तालाबों एवं डोभा के पानी का उपयोग कर न केवल अपने जरूरत की चीजें उपजा रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भी हो रहे है। इसी परियोजना के लाभुक अरूण कुमार मांझी का तालाब निर्माण हुआ, तो बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उन्होंने तालाब में मछली पालन किया था और इससे उन्हें लगभग एक लाख रुपये की आमदनी हुई। साथ ही वे इस तालाब के पानी का उपयोग अपने खेतों में टमाटर और बैगन की खेती के लिए कर रहे हैं।