नई दिल्ली : पेटीएम ब्रांड नाम से संचालित होने वाली फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनी के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई को दो महीने से अधिक समय हो गया है. हालाँकि, इसकी समस्याएँ अभी भी कम नहीं हुई हैं. आरबीआई की कार्रवाई के बाद पहली बार पेमेंट बैंक का परिचालन बंद कर दिया गया. दूसरी ओर, हर महीने यूपीआई लेनदेन कम हो रहा है. इससे अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों को फायदा हो रहा है.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में यूपीआई लेनदेन में पेटीएम की हिस्सेदारी घटकर 9 फीसदी रह गई. एक महीने पहले फरवरी में कुल UPI ट्रांजेक्शन में Paytm की हिस्सेदारी 11 फीसदी थी. जबकि साल के पहले महीने जनवरी में यूपीआई ट्रांजैक्शन में पेटीएम की हिस्सेदारी 11.8 फीसदी थी.
जनवरी महीने में पेटीएम ने 1.4 अरब यूपीआई पेमेंट प्रोसेस किए. फरवरी में यह घटकर 1.3 अरब रह गया. इसके बाद मार्च में पेटीएम द्वारा संसाधित लेनदेन की संख्या और कम होकर 1.2 बिलियन हो गई. आरबीआई ने जनवरी के अंत में वन97 कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई की. इसका मतलब है कि आरबीआई की कार्रवाई के बाद यूपीआई लेनदेन में पेटीएम की हिस्सेदारी हर महीने घट रही है.
इन कंपनियों को हो रहा फायदा
पेटीएम के इस नुकसान से प्रतिस्पर्धी कंपनियों को फायदा हो रहा है. जनवरी के बाद से UPI लेनदेन में Google Pay और PhonePe जैसे प्रतिस्पर्धियों की हिस्सेदारी बढ़ गई है. मार्च महीने में Google Pay ने 6.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5 बिलियन UPI लेनदेन संसाधित किए. जनवरी में यह आंकड़ा 4.4 अरब था, जो फरवरी में बढ़कर 4.7 अरब हो गया. इसी तरह, PhonePe ने 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और मार्च में 6.5 बिलियन UPI लेनदेन संसाधित करके नंबर 1 बन गया. PhonePe ने फरवरी में 6 बिलियन लेनदेन और जनवरी में 5.7 बिलियन लेनदेन संसाधित किए.
आधे बाजार पर अकेले पेटीएम का था कब्जा
एक समय था जब यूपीआई ट्रांजेक्शन के मामले में पेटीएम का दबदबा हुआ करता था. 2018 और 2019 के दौरान कुल UPI ट्रांजैक्शन में Paytm की हिस्सेदारी 40 फीसदी से ज्यादा हुआ करती थी. धीरे-धीरे Google Pay, PhonePe और Mobikwik समेत कई अन्य कंपनियां बाजार में उतरीं और Paytm की हिस्सेदारी में गिरावट जारी रही. अब आरबीआई की कार्रवाई के बाद पेटीएम के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. एक समय था जब पेटीएम लेनदेन के मामले में नंबर वन था लेकिन अब इसकी हिस्सेदारी PhonePe और GooglePay जैसे शीर्ष खिलाड़ियों की तुलना में बहुत कम हो गई है.
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