गिरिडीह : ऑक्सीजन के अभाव में शुक्रवार देर रात इस अस्पताल में 55 वर्षीय टुकामन महतो की मौत हो गई. इस अस्पताल में अचानक बिजली चले जाने पर मरीजों के लिए जेनरेटर का तो इंतजाम किया गया है, लेकिन उसे चलाने के लिए उसमें डीजल डलवाने की फुर्सत किसी कर्मचारी के पास नहीं थी.
मृतक के परिजनों के मुताबिक 55 वर्षीय टुकामन महतो की तबीयत घर में अचानक खराब हो गई. परिजन उन्हें तत्काल डुमरी रेफरल अस्पताल ले गए. महतो की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण उनको अस्पताल में भर्ती कर लिया गया और उनका उपचार शुरू कर दिया.
अस्पताल में 26 ऑक्सीजन सिलेंडर पर सब खाली
परिजनों के मुताबिक महतो की उपचार के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में शुक्रवार देर रात मौत हो गई. परिजनों और पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि अस्पताल में कुल 26 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, लेकिन जब जरूरत पड़ी तो घोर लापरवाही के चलते उस वक्त सभी सिलेंडर खाली थे. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कंसंट्रेटर के सहारे महतो को ऑक्सीजन दी जा रही थी.
जेनरेटर में डीजल न होने से कंसंट्रेटर भी बंद
उन्होंने बताया कि ऐन वक्त पर बिजली भी कट गई, जिससे अस्पताल की बिजली भी बंद हो गई. कंसंट्रेटर को फौरन चालू करने के लिए जनरेटर चलाने की जरूरत पड़ी. अस्पताल में जेनरेटर तो था, लेकिन लापरवाही को एक और उदाहरण तब देखने को मिला, जबकि पता चला कि जेनरेटर में डीजल ही नहीं है. इसके कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर करीब 20 मिनट तक बंद रहा. बाद में जनरेटर चालू होते ही मरीज ने जोर से हिचकी ली और उसकी सांसें थम गईं. जामतारा पंचायत के मुखिया खेममलाल महतो ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
मृतक के परिजन रात में धरने पर बैठ गए
घोर लापरवाही के चलते अस्पताल में ही मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर मृतक के परिजन समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि रात में ही अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. हालांकि सुबह होते ही डुमरी बीडीओ सोमनाथ बंकीरा और सीओ धनंजय कुमार गुप्ता पहुंचे और परिजनों को न्याय का आश्वासन दिलाते हुए समझा-बुझाकर धरना प्रदर्शन हटवाया.