झारखंड में आदिवासी महासभा के द्वारा शुरू की गई विवादित पत्थलगड़ी को बाहर के राज्यों से साजिशन समर्थन दिया जा रहा है। अक्टूबर 2016 में साइको में सीएनटी के विरोध में निकली रैली के दौरान गोली चलने से अब्राहम मुंडू की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद खूंटी में आदिवासी महासभा ने पत्थलगड़ी को हथियार बना सरकार के विरोध करना और स्वशासन के नाम पर सरकारी नीतियों का विरोध शुरू कर दिया था। खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी को आदिवासी महासभा के अध्यक्ष विजय कुजूर, बबिता कच्छप ने शुरू किया। दोनों गुजरात के एसी भारत सरकार कुटुंब परिवार, काट्सवान में ट्रेनिंग भी ले चुके थे। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छतीसगढ़ से भी कई लोगों ने झारखंड के पत्थलगड़ी को समर्थन दिया।
किस किस को पुलिस ने किया है चिन्हित
विवादित पत्थलगड़ी को बाहर से समर्थन देने वालों में महाराष्ट्र के चंद्रपुर का संतोष यात्रम, गुजरात तापी का रवींद्र दादा, छतीसगढ़ का एक निलंबित जेलर शामिल हैं। झारखंड में कृष्णा हांसदा, जमशेदपुर का मार्शल देवगम, ईचागढ़ का शक्तिपदो हांसदा, सरायकेला का हरि टूटी विवादित पत्थलगड़ी का नेतृत्व अपने अपने इलाके में करते रहे हैं।

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नेपाल के एक राजनायिक भी भूमिका भी संदेहास्पद
आदिवासी महासभा की विवादित पत्थलगड़ी को समर्थन देने में नेपाल के एक राजनायिक की भूमिका भी संदेहास्पद है। राजनायिक बीते साल झारखंड दौरे पर आए थे। इस दौरान वह विजय कुजूर, बबिता कच्छप समेत अन्य पत्थलगड़ी समर्थक नेताओं के साथ कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। राज्य की विशेष शाखा ने तब राजनायिक की गतिविधि की जानकारी सरकार को दी थी।

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बबिता कच्छप- युसूफ पूर्ति अब पुलिस के टारगेट
खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी मामले में पुलिस को अब बबिता कच्छप और प्रो युसूफ पूर्ति की तलाश है। बबिता कच्छप खूंटी में एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बंधक बनाने समेत आधा दर्जन कांडों में आरोपी हैं। फरवरी महीनें से बबिता अंडर ग्राउंड हैं। फरारी के दौरान बबिता कच्छप फेसबुक पर लगातार पोस्ट कर रही थी, जिसमें उसने खुद के महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में जगह बदल बदल कर रहने की जानकारी अपने समर्थकों को दी थी। बबिता कच्छप की गिरफ्तारी के लिए साइबर पुलिस की भी मदद ली जा रही है। पुलिस ने बबिता की गिरफ्तारी के लिए अलग से सेल का गठन किया गया है। वहीं खूंटी में पत्थलगड़ी का स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति भी 26 जून की घाघरा की पत्थलगड़ी के बाद अंडरग्राउंड हो गया है। पुलिस युसूफ की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।

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