Johar live news desk: पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर, स्वामी रामदेव ने पंच क्रांति का शंखनाद किया, जिसमें शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक-सांस्कृतिक और नशा मुक्ति शामिल हैं।
स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि का लक्ष्य है कि आगामी पांच वर्षों में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को केवल शब्दबोध नहीं कराना है, बल्कि विषयबोध, आत्मबोध, सत्यपरक भारतबोध और अपने गौरव का बोध भी कराना है।
पतंजलि ने अभी तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की चैरिटी की है और इसका 100 प्रतिशत प्रॉफिट केवल चैरिटी के लिए है। पतंजलि का लक्ष्य है कि पूरे विश्व को योगमय बनाया जाए और चरित्र निर्माण करके आदर्श विश्व नागरिकों का निर्माण किया जाए।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि का योगदान आज पूरी दुनिया को प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने कहा कि पतंजलि में लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अर्थ से परमार्थ का अभियान चलाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पतंजलि के लिए भारत एक बाजार नहीं बल्कि परिवार है।
पतंजलि की पंच क्रांति में शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक-सांस्कृतिक और नशा मुक्ति शामिल हैं। पतंजलि का लक्ष्य है कि पूरे विश्व को योगमय बनाया जाए और चरित्र निर्माण करके आदर्श विश्व नागरिकों का निर्माण किया जाए।
पतंजलि की पहली क्रांति शिक्षा की आजादी है, जिसमें पतंजलि ने आगामी पांच वर्षों में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
दूसरी क्रांति चिकित्सा की आजादी है, जिसमें पतंजलि ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य देने का लक्ष्य रखा है।
तीसरी क्रांति आर्थिक आजादी है, जिसमें पतंजलि ने स्वदेशी का आंदोलन चलाया है।
चौथी क्रांति वैचारिक और सांस्कृतिक आजादी है, जिसमें पतंजलि ने भारतीय संस्कृति और योग को पूरी दुनिया में प्रसारित करने का लक्ष्य रखा है।
पांचवी क्रांति नशा, रोग-भोग वासनाओं से आजादी है, जिसमें पतंजलि ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को नशा मुक्ति और स्वास्थ्य देने का लक्ष्य रखा है।
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने क्या कहा?
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रद्धेय स्वामी रामदेव के अखण्ड प्रचण्ड पुरुषार्थ से पतंजलि का योगदान आज पूरी दुनिया को प्रेरणा दे रहा है। पतंजलि में लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अर्थ से परमार्थ का अभियान चलाया है। पतंजलि का 100 प्रतिशत प्रॉफिट केवल चैरिटी के लिए है। पतंजलि के लिए भारत एक बाजार नहीं बल्कि परिवार है। पतंजलि में 500 से अधिक विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों की टीम लगातार रिसर्च करके रोगानुसार विविध प्रकार के रस, क्वाथ, वटियां, कैप्सूल, व्हीट ग्रास, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, नीम रस, गिलोय रस आदि रिसर्च एवं एविडेंस बेस्ड दवाइयां पूरी दुनिया को उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा को आधुनिक विज्ञान का प्रयोग करके जन-जन तक पहुंचाने का कार्य भी सर्वप्रथम पतंजलि ने ही किया है। आज पतंजलि ने दुनिया के 200 देशों में करोड़ों लोगों तक योग को गुफाओं व कन्दराओं से निकालकर जन-जन तक पहुंचाया है।
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