रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को चारा घोटाला के देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित लालू प्रसाद सहित छह सजायाफ्ता की सजा बढ़ाने को लेकर दाखिल याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई।
कोर्ट ने मामले में सीबीआई एवं प्रतिवादी लालू प्रसाद के अधिवक्ता से पूछा है कि वह अगली सुनवाई में हाई कोर्ट के रूल्स को देखते हुए बताएं कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के खंडपीठ में हो सकती है या एकल पीठ में हो सकती है। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
इस मामले में पूर्व में कोर्ट ने दो सजायाफ्ता फूलचंद सिंह और आरके राणा का नाम हटाने का आदेश दिया था। एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि फूलचंद सिंह और आरके राणा की मौत हो गई है। इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका से इनका नाम हटाने का आदेश दिया था। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति ने पैरवी की। लालू प्रसाद की ओर से अधिवक्ता प्रभात कुमार एवं शिवानी कपूर ने पैरवी की।
सीबीआई ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद, बेक जूलियस सहित छह सजायाफ्ता को तीन से छह साल की सजा सुनाई गई है। इन्हें सीबीआई ने इन्हें अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है।