रांची । झारखंड में चारों चरण का चुनाव शुक्रवार को छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। चौथे और अंतिम चरण के पंचायत चुनाव संपन्न होते ही जून में त्रिस्तरीय पंचायती राज के गठन का रास्ता साफ हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण संपन्न होने पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय राज्य की जनता और स्थानीय जिला प्रशासन के साथ पत्रकारों को दिया है।

निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि छिटपुट घटना को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। उन्होंने कहा कि चौथे और अंतिम चरण में एक दो मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराये जा सकते हैं। मतदान प्रतिशत भी चारों चरण में 70 फीसदी के करीब रहा। दूसरे और तीसरे चरण की मतगणना 31 मई को होगी। इसके लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं।

2015 के पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा। राज्य निर्वाचन आयोग भी मतदान प्रतिशत में आई गिरावट पर चिंतित है। आयोग के लिए संतोष की बात यह कि शांतिपूर्ण मतदान कराने में 2015 की अपेक्षा वह काफी सफल रहा। निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने मतदान प्रतिशत में आई गिरावट की वजह गर्मी और कोरोना को बताया।उन्होंने कहा कि मतदाताओं में जागरुकता फैलाने की कोशिश जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की गई थी। इसके बावजूद मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई है।

पहले और दूसरे फेज में मतदान 68.15 प्रतिशत हुआ था, जबकि तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 70.54 प्रतिशत रहा। अंतिम चरण में भी 70 फीसदी से अधिक मतदान की संभावना जताई जा रही है। यदि इसकी तुलना 2015 के पंचायत चुनाव से करें तो ठीक इसी प्रकार चार चरण में राज्य में चुनाव हुए थे, जिसमें औसत मतदान 73.29 प्रतिशत हुआ था, जबकि पहले चरण में 74.49 प्रतिशत, दूसरे चरण में 74.04 प्रतिशत, तीसरे चरण में 73.46 प्रतिशत और चौथे चरण में 73.18 प्रतिशत मतदान हुए थे।

झारखंड में 14, 19, 24 और 27 मई को चार चरणों में पंचायत चुनाव कराए गए। पहले चरण के लिए मतगणना 17 मई को दूसरे चरण के लिए मतगणना 22 मई, तीसरे और चौथे चरण के लिए मतगणना 31 मई को कराया जाएगा।

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