Joharlive Desk

अयोध्या। अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर बनने वाले मंदिर के लिए भूमि पूजन से पहले पंचांग पूजन आरंभ हो गया है। इसी क्रम में मंदिर-मंदिर अनुष्ठान शुरू होगा। यानी सभी मंदिरों में श्रीरामचरितमानस का संकल्पित अखंड रामायण पाठ शुरू होगा, जिसकी पूर्णाहुति चार अगस्त को होगी। चार अगस्त को भी आराधना होगी जबकि पांच अगस्त को पीएम मोदी मुख्य पूजन करेंगे।

पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम में काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग एक्सपर्ट हैं। पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की है जो अलग अलग तरीकों से पूजा कराएगी। यह एक वक्त में नहीं होगी बल्कि अलग अलग कालखंड में अलग-अलग ब्राह्मण पूजा कराएंगे।

अयोध्या के प्रत्येक मंदिर व घर में यह आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी व संतों की संयुक्त टीम स्थान-स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से सम्पर्क कर रही है। यह टीम सम्बन्धितों से यह आग्रह भी कर रही है कि पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आई इस शुभ घड़ी पर अधिक से अधिक स्थानों पर सामूहिक आयोजन हों जिससे किसी भी प्रकार की आशंका निर्मूल सिद्ध हो जाए और जनमानस भी आनंदित हो।

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत में अयोध्या नगरी दुलहन की तरह सज-धज कर तैयार हो गयी है। पीताम्बरी व भगवा पताकाओं से पूरे नगर को सुसज्जित किया जा रहा है। इसके साथ सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए साकेत महाविद्यालय से लेकर हनुमानगढी तक सड़क के किनारे डबल बैरीकेडिंग कराई जा रही है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार दो सौ से ढाई सौ लोगों के बैठने को सोशल डिस्टेसिंग के साथ बैठाने के पंडाल का क्षेत्रफल बढ़ा कर दो गुना कर दिया गया है। इसके साथ दो अलग-अलग मंच भी तैयार किया जा रहा है। फिलहाल मुख्य मंच पर पीएम मोदी व संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन व मुख्यमंत्री योगी समेत रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास विराजमान होंगे।

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