Joharlive Team
- नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है राशन
- आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका/सहायिका बच्चों के घर पहुंचकर दे रही हैं सूखा राशन
पलामू। कोरोना वायरस (COVID-19)के संक्रमण से बचाव को लेकर लॉक डाउन घोषित है। इस स्थति में किसी को खाने की समस्याएं नहीं है, इसके लिए पलामू जिला प्रशासन ने मुक्कमल व्यवस्था की है। बच्चे हो या बुजूर्ग या फिर दूसरे राज्यों एवं जिलों से आने वाले लोग। सभी पर जिला प्रशासन की पैनी नजर है कि उनके खाने का प्रबंध कैसे किया जाए। एक ओर जहां दाल-भात केन्द्र, मुख्यमंत्री दीदी किचन से जरूरतमंद व्यक्तियों को खाना खिलाया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर मिल्स ऑन विल्स के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों के बीच गर्म खाना उनके घरों तक पहुंचाकर बटवाई जा रही है। इसके अलावा आपदा मित्र के माध्यम से जरूरतमंदों को सूखा राशन दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पलामू उपायुक्त के निदेश पर जिला प्रशासन की ओर से पलामू जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्यनरत बच्चों को सूखा अनाज दिया जा रहा है। लॉक डाउन की स्थिति में वर्तमान समय में आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं।
ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों में नामांकित बच्चों को उनके घर पर सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है, ताकि बच्चों को खाने संबंधित कोई समस्या नहीं हो। आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका के माध्यम से बच्चों को राशन पहुंचाई जा रही है। ताकि लॉक डाउन की परिस्थिति में वैसे बच्चें जो आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित हैं, लेकिन बंद होने की वजह से वे नहीं आ पा रहे हैं। वैसे बच्चों को सूखा राशन दिया जा रहा है, ताकि उन्हें प्रचूर मात्रा में पोषण मिल सके।
उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत घर-घर जाकर बच्चों को सूखा राशन देने का निदेश दिया है। वहीं इसमें कोताही नहीं बरतने का निदेश दिया है।
जिले भर के 2595 आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 74693 बच्चों को उनके घर पर सूखा राशन पहुंचाई जा रही है। इसे बांटने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के कंधों पर है। बच्चों को सूखे राशन के पैकेट में चावल, सूजी, दाल, गुड़, आलू, बादाम तथा तेल उपलब्ध कराया जा रहा है।