रांची : राजधानी में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का जिम्मेवारी रांची नगर निगम की है. इसके अलावा सफाई, पानी की सुविधा, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मिलती है. इसके बदले में रांची नगर निगम लोगों से होल्डिंग टैक्स वसूलता है. ऐसे में हर साल सरकारी भवन हो या प्राइवेट सभी के मालिकों को टैक्स भरना है. लेकिन सरकारी भवनों का ही टैक्स रांची नगर निगम को नहीं मिल रहा है. नोटिस के बावजूद बकाया टैक्स का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिससे कि सरकारी भवनों पर ही लगभग 10 करोड़ रुपए बकाया हो गया है. अब रांची नगर निगम ऐसे सभी भवनों को फिर से डिमांड नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है. जिससे कि रांची नगर निगम को टैक्स के रूप में राजस्व प्राप्त हो सके.
डेढ़ गुना फाइन का है प्रावधान
झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट में संशोधन के बाद हर साल टैक्स वसूलने का आदेश दिया गया है. जिसके तहत टैक्स भरने में देरी की स्थिति भवन के मालिक से डेढ़ गुना फाइन वसूलने का प्रावधान किया गया है. इसके बावजूद सरकारी भवनों के मालिक या हेड बकाया टैक्स भुगतान में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे है. जबकि नगर निगम ने एडवांस टैक्स भरने वालों के लिए 5 परसेंट तत्काल छूट देने की भी योजना बनाई है. इसका ज्यादातर लोग फायदा भी उठा रहे है. लेकिन सरकारी भवन के मालिक इंटरेस्ट ही नहीं दिखा रहे है.
आनलाइन भी जमा कर सकते है टैक्स
नगर निगम ने टैक्स जमा करने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म पर भी सुविधा दी है. जिससे कि लोग टैक्स एक क्लिक पर कहीं से भी जमा कर सकते हैं. लेकिन सरकारी भवन इसका भी फायदा नहीं उठा रहे है. इतना ही नहीं उन्हें किसी तरह की कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है. यहीं वजह है कि टैक्स भरने में देर कर रहे हैं. नोटिस के बाद भी भवनों का एसेस्मेंट नहीं करा रहे हैं.