Joharlive Desk

रांची/नई दिल्ली : कोयला उद्योग में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ ने पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। हड़ताल कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों में होगी। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ की रविवार को नागपुर में बैठक हुई। कोयला उद्योग मेें 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दिए जाने के बाद की स्थिति पर चर्चा हुई। कहा गया कि एफडीआई कोयला और राष्ट्रहित में नहीं है। इसके परिणाम कोयला उद्योग के खिलाफ आएंगे।

मजदूर संघ ने कहा कि सरकार के फैसले से कोयला कामगारों में आक्रोश है। संघ ने सरकार से इस निर्णय पर दोबारा विचार करने की मांग की थी। अभी तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। खदान मजदूर संघ ने एसईसीएल सहित कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों में 23 सितंबर से 27 सितंबर तक हड़ताल की घोषणा की है। इसकी जानकारी कोल मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव को दी है। इसकी जानकारी खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने यूनियन को भी दी है।

एटक और सीटू सहित अन्य यूनियन ने भी की है 24 को हड़ताल की घोषणा

कोयला उद्योग में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूदी दिए जाने से मजदूर और श्रमिक संगठन चितिंत हैं। सभी मजदूर संगठन एफडीआई का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे कोल इंडिया को आर्थिक नुकसान होगा। विदेशी कंपनियां कोयला खोदकर बाजार में बेचेंगी। कोल इंडिया की तुलना में विदेशी कंपनियों का कोयला सस्ता होगा। इससे कोल इंडिया के समक्ष आर्थिक चुनौती खड़ी हो जाएगी। इसका सीधा असर कोयला मजदूरों पर पड़ेगा।
एफडीआई पर चर्चा के लिए पांच सितंबर को रांची यूनियन की ओर से एक संयुक्त कन्वेंशन का आयोजन किया गया था। इसमें एटक, सीटू, इंटक और हिन्द मजदूर संघ के नेता शामिल हुए थे। चर्चा के बाद श्रमिक नेताओं ने कोयला उद्योग में २४ सितंबर को हड़ताल की घोषणा की थी। यूनियन हड़ताल की तैयारी में लग गए हैं।

बीएमएस की घोषणा से अन्य यूनियन पर बढ़ा दबाव

कोयला उद्योग में बीएमएस द्वारा पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा से इंटक, हिन्द मजदूर संघ सहित अन्य वामपंथी ट्रेड यूनियनों पर हड़ताल की अवधि को बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। श्रमिक संगठन भी मानते हैं कि एक दिन की हड़ताल से कोयला उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। सीटू के श्रमिक नेता डीडी रामानंदन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा था कि बीएमएस १५ दिन की हड़ताल करता है तो उसे समर्थन देंगे। बीएमएस ने पांच दिन हड़ताल की घोषणा कर दी है। इससे सीटू सहित अन्य ट्रेड यूनियन पर दबाव बढ़ गया है।

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