मुजफ्फरपुर: जिले में तापमान में गिरावट के साथ कोल्ड डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. बीते तीन दिनों में 500 से अधिक बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. जिले के केजरीवाल अस्पताल में बीते दो दिनों में 200 से अधिक बच्चों को भर्ती किया गया है, जबकि सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में 300 से अधिक बच्चे भर्ती हुए. हालांकि, डॉक्टरों द्वारा समय पर इलाज के बाद स्थिति में सुधार होने पर अधिकांश बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि कोल्ड डायरिया मुख्य रूप से एक से पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित कर रहा है. ठंड के कारण बच्चों के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसके अलावा, सही खानपान और देखभाल न होने से बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आ रहे हैं मरीज
ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे अधिक प्रभावित बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों ने माता-पिता को सुझाव दिया है कि बच्चों को अधिक ठंड में बाहर न ले जाएं, उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं, गुनगुना पानी पिलाएं और बासी खाना न खिलाएं। इसके अलावा, घर में ओआरएस का पैकेट जरूर रखें.
क्या है कोल्ड डायरिया?
कोल्ड डायरिया मूल रूप से ठंड में वायरस के अटैक से होता है. डॉक्टरों के मुताबिक, जॉयारोट्रो वायरस, इंट्रोवायरस, क्लैपसेला और ईकोलाई जैसे वायरस इसके प्रमुख कारण होते हैं. ठंड के मौसम में बच्चों द्वारा पानी की पर्याप्त मात्रा न लेने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे वे विंटर डायरिया की चपेट में आ जाते हैं.