रांची: मैं भारत हूं फाउंडेशन और श्री माहेश्वरी सभा के संयुक्त तत्वाधान में महेश्वरी भवन में भारत को केवल भारत ही बोला जाए इंडिया नहीं, एक देश एक नाम के तर्ज पर भारत नाम सम्मान विषयक पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, पूर्व सांसद अजय मारू, मैं भारत हूं फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार जैन ने दीप प्रज्वलित कर किया. सांसद संजय सेठ ने कहा कि भारत को कई नाम से जाना जाता है. दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं जो अपनी देश को मां कहता हो. लेकिन हमारे देश को भारत माता कहा जाता है. हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि भारत को सिर्फ भारत ही कहा जाए.

महाभारत में भी भारत का जिक्र है. हिंदी हमारी मातृभाषा है. दुनिया में संपन्न राष्ट्र जिस समाज ने अपनी भाषा को छोड़ा है उस देश का पतन हुआ है. उन्होंने कहा कि गुलामी की मानसिकता को छोड़ना है. भारत को इंडिया ना बोलकर भारत कहना है तथा हिंदी में ही हस्ताक्षर भी करना है. इस दौरान राष्ट्रीय महामंत्री शोभा सादानी, कोषाध्यक्ष निशा लढ्ढा, श्री माहेश्वरी सभा के रांची अध्यक्ष किशन कुमार साबू, कार्यक्रम संयोजक मुकेश काबरा, एवं चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री समेत अन्य मौजूद थे.

देश के दो नाम क्यों

अध्यक्ष किशन कुमार साबू ने सभी का स्वागत किया. मैं भारत हूं फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार जैन ने भारत नाम सम्मान पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं की किसी भी इंसान के संवैधानिक नाम दो नहीं हो सकते, तो हमारे देश के दो नाम क्यों? लोग कहते हैं और हम सभी को बताया भी गया है कि इंडिया का मतलब ‘भारत’ होता है. भारत’ का मतलब इंडिया होता है, क्या कभी नाम का अनुवाद हो सकता है. लगभग ढाई सौ साल गुलामी की दास्तान सही और अपने आप को इंडियन कहने के लिए मजबूर हुए, पर आज हम स्वतंत्र हैं. हम चाहते हैं कि हम भारतीय बने रहें. वहीं राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने भारत का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि हम अंग्रेजों का दिया हुआ कुछ भी ना रखें. तथा अपने बच्चों को हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाये. पूर्व सांसद अजय मारू ने कहा कि सभी भारतीयों को भारत शब्द का प्रयोग करना चाहिए.

नाम का कभी अनुवाद नहीं होता

फाउंडेशन की राष्ट्रीय महामंत्री शोभा सादानी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष निशा लट्ठा ने अपने संबोधन में कहा कि मैं भारत हूं फाउंडेशन, एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. संस्था ने विश्व के कोने-कोने में फैले भारतीयों को बताने का प्रयास किया है कि नाम का कभी अनुवाद नहीं होता, भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाना चाहिए. इस अवसर पर वीडियो क्लिप भी दिखाया गया. वहीं छोटे-छोटे बच्चों ने नृत्य के साथ मनमोहन नाटक से जोश भर दिया. मौके पर मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि विचार गोष्ठी में नरेंद्र लखोटिया, वासुदेव भल्ला, बसंत मित्तल, मुकेश काबरा, किशोर मंत्री, पदम चंद्र जैन, सुरेश चंद्र अग्रवाल, अनिल कुमार खेतान, रमन बोढा, संजय सर्राफ, अशोक पुरोहित, अशोक चौधरी, नंदकिशोर पाटोदिया, अरुण बुधिया, कौशल राजगढ़िया, प्रेम मित्तल, अमित चौधरी, पवन शर्मा, रवि शर्मा समेत अन्य मौजूद थे.

 

 

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