रांची। रांची नगर निगम में मेयर डॉ. आशा लकड़ा की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्टिकल-3 व 4 और वार्ड-16 अंतर्गत आजाद नगर में 291 आवास व वार्ड-36 अंतर्गत बनहोरा में निर्मित आवासों में बारिश का मौसम शुरू होने से पूर्व गृह प्रवेश कराने पर चर्च की गई।
कार्यशाला के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अब कागजी प्रक्रिया को सरल किया जाएगा और लाभुकों को जल्द से जल्द बकाये राशि का भुगतान किया जाएगा। यदि किसी वार्ड में प्रधानमंत्री आवास योजना का फार्म भरवाने या निरीक्षण से संबंधित कार्य हो तो वार्ड पार्षद को सूचित करें। इस दौरान मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पिछले 5 वर्षों में केंद्र व राज्य सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना मद में मिली राशि, कितने लाभुक चयनित हुए, कितने लाभुकों ने आवास निर्माण कार्य पूरा किया और कितने लाभुकों ने अब तक आवास निर्माण कार्य पूरा नहीं किया, इसकी समीक्षा करनी होगी। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लाभुकों का चयन किया जा रहा है, उन्हें आवास निर्माण कार्य में हो रही परेशानी की पड़ताल करनी होगी, ताकि लाभुकों को हो रही समस्या का समाधान किया जा सके। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र के जिन वार्डों में बैंक से ऋण दिलाकर लाभुकों को आवास आवंटित किया जाना है, वहां आवेदक क्यों नहीं आ रहे है, इसकी पड़ताल करनी होगी। खासकर लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए यह अति आवश्यक है।
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के वैसे मध्यमवर्गीय लाभुकों को चिन्हित करने की आवश्यकता है, जिनका परिवार छोटा हो। साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि आर्थिक दृष्टिकोण से वे बैंक ऋण का क़िस्त भुगतान करने में सक्षम हों। नगर निगम क्षेत्र में जो लोग पांच-छह हजार रुपये किराया देकर रह रहे हैं, उन्हें वार्ड स्तर पर चिन्हित करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि जितना पैसा वे किराये के रूप में भुगतान कर रहे हैं, उतने पैसे से वे बैंक ऋण के किस्त का भुगतान कर अपना आशियाना प्राप्त कर सकते हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए संबंधित क्षेत्र में लाभुकों के जरूरत के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्टर विकसित करने की आवश्यकता है। जैसे सड़क, परिवहन, ग्रोसरी शॉप, सब्जी मार्केट आदि। इसके अलावा जो लोग शहरी क्षेत्र में रहकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, वैसे लोगों को लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए प्रेरित करने व आसपास के क्षेत्रों में ही उनकी आजीविका के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।