नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया. यह बजट किसानों, युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेताओं ने बजट का स्वागत किया और इसे अभूतपूर्व बजट बताया. वहीं विपक्ष के सुर बजट पर अलग-अलग रहे. लोकसभा में विपक्ष के नेताओं ने इस बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ बताया. बजट पर विपक्षी नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रही? आइए आपको बताते हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बजट के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया, (अडानी-अंबानी) को फायदा होगा लेकिन आम भारतीयों को कोई राहत नहीं मिलेगी. उन्होंने तीसरे बिंदु को ‘कॉपी एंड पेस्ट’ बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजट का कॉपी पेस्ट है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, मोदी सरकार का ‘नकलची बजट’ कांग्रेस के न्याय के एजेंडे की भी ठीक से नकल नहीं कर सका. मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन सहयोगियों को धोखा देने के लिए आधी-अधूरी ‘रेवड़ियां’ बांट रहा है, ताकि एनडीए बच जाए.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, मुझे लगता है कि इस बजट को ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि अगर उन्हें अगले 5 साल के लिए इस सरकार को बचाना है, तो उन्हें कीमत चुकानी होगी. अगर वह ऐसा करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों की खुशी की जरूरत होगी. बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद, उन्होंने उन्हें पैसे दिए हैं. महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. यह एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां आप हर समय पैसे लेते रहते हैं.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह एक ‘कुर्सी बचाओ’ बजट है. यह एनडीए में शामिल लोगों, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपने साथ रखने का बजट है, यह बजट देश के लिए नहीं है. इसमें बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है, वे बंगाल को बर्दाश्त नहीं कर सकते, वे बंगाल से खत्म हो जाएंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र को यह बजट कागजों पर तो ठीक लग सकता है, लेकिन जमीनी स्तर पर इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला. सरकार को फसलों की कीमत देनी चाहिए, मुफ्त बिजली, सस्ती खाद देनी चाहिए, खेती के उपकरणों पर जीएसटी कम करना चाहिए.