रांची : होटवार स्थित बिरसा मुंडा कारा के जेल अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट को पद से हटा दिया गया है. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी कर बेसरा निशांत रॉबर्ट को अब हजारीबाग के कारा प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य के पद पर पदस्थापित किया है. रांची जेल अधीक्षक को अचानक पद से हटा कर हजारीबाग के कारा प्रशिक्षण संस्थान के पद पर स्थानांतरित करने के मामले पर राजनीतिक गलियारे में हलचल शुरू हो गई है. दरअसल,बिरसा मुंडा कारा के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को हटाने के बाद उनकी जगह उसी दिन बेसरा निशांत रॉबर्ट को पदस्थापित किया गया था. मगर कुछ ही दिनों बाद रांची जेल अधीक्षक बेसरा का तबादला कर दिया गया. रांची जेल में हाईप्रोफाइल कैदियों पर सख्ती को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची जेल के अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट की तारीफ की थी, लेकिन तारीफ के दो दिनों के बाद ही जेल अधीक्षक बेसरा का तबादला कर दिया गया.
इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने बेसरा निशांत रॉबर्ट के तबादले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जेल से सरकार चला रहे ईडी के कैदियों को जेल नियम का पालन करवाने के साहस की सजा युवा अधिकारी को मिली है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने पहले ही अधिकारी के तबादले की आशंका जाहिर की थी, जो सही साबित हुई. संथाल आदिवासी समाज के बेटे बेसरा निशांत का बिरसा मुंडा जेल से महज कुछ हफ्तों में ही स्थानांतरण कर दिया गया. भ्रष्टाचारी प्रेम प्रकाश को उन्होंने केबिन में बैठने की जगह नहीं दी. साहिबगंज के पत्थर माफिया जिन्हें मिनी सीएम बोला जाता है, उनके आगे घुटने नहीं टेके, इसलिए ये तबादला होना ही था. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार की इस सजा को संथाल समाज याद रखेगा. राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद इस जेल के खेल के पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाएगी.
इधर, निर्दलीय विधायक सरयू राय ने रांची जेल अधीक्षक बेसरा के तबादले पर कहा है कि कारा अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट एक माह के भीतर बदल दिए गए, कारण कि जेल में बंद ईडी के आरोपियों के सामने नहीं झुके. उन्होंने हाईप्रोफाइल आरोपियों को कैदी होने का एहसास करा दिय. सरयू राय ने कहा कि युवा अधिकारी ने कर्तव्यपरायणता का उदाहरण पेश किया है.