धनबाद : धनबाद डीसी रेल लाइन को आग का खतरा बताते हुए कुल 26 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन इस रूट पर बंद हुआ था. बाद में एलेप्पी, मौर्य, रांची इंटरसिटी समेत कुल छह जोड़ी ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ. 10 दिसंबर को धनबाद चंद्रपुरा पैसेंजर ट्रेन चलाने की घोषणा हो चुकी हैं. बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने इसकी घोषणा भी किये है, लेकिन ताज्जुब की बात है कि जिस रेल लाइन पर छह जोड़ी ट्रेनों का परिचालन हो रहा उस पर अब भी खतरा बरकरार है. यह हम नही कह रहे हैं, बल्कि खान सुरक्षा महानिदेशालय यानी डीजीमएस के महानिदेशक प्रभात कुमार का कहना है.

मीडिया से बातचीत के दौरान प्रभात कुमार ने कहा कि डीसी रेल लाइन के आसपास के इलाके का रेगुलर सर्वे किया जाता है. आग के बढ़ने की वस्तु स्थित पर नजर रखी जाती है. आग है तो डीसी रेल लाइन को खतरा है. डीसी रेल लाइन पर जो ट्रेनें चलती है, उनकी रफ्तार काफी धीमी रहती है. सुरक्षा के साथ लोगों की समस्या का ख्याल रखते हुए रेलवे ट्रेनों का परिचालन कर रही है. लोगों की मांग पर इसे चालू किया गया है, लेकिन डीसी रेल लाइन को अब भी खतरा है.

उन्होंने बताया कि डीसी रेल की आग से खतरा है, जिसकी मॉनिटरिंग खुद डीजीएमएस कर रहे हैं. इसके साथ ही सिंफर और बीसीसीएल के द्वारा भी आग की मॉनिटरिंग कर रही है. तीनों की मॉनिटरिंग पर ही डीसी रेल पर  ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा हैं. तीनों की रिपोर्ट में यदि  जरा सी भी मिस्टेक हुई तो कभी हादसा हो सकता है. बता दें कि कोयला खनन क्षेत्र में विकास या माइनिंग से संबंधित मानक या फिर अप्रूवल डीजीएमएस ही देते है. डीजीएमएस के महानिदेशक के द्वारा आग से खतरा बताना मतलब यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहे हैं.

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