Joharlive Desk

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर पांच ही लोग बैठेंगे। पीएम के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास रहेंगे। 

हालांकि फैसला मानस भवन में हुई बैठक में लिया गया। हालांकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक कार्यक्रम में शामिल होने वाले 200 अतिथियों की सूची सार्वजनिक नहीं की है।
अयोध्या में भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं और शहर को सजाने का कार्य जारी है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी पांच अगस्त को सुबह 11.15 बजे अयोध्या पहुंचेंगे और दोपहर दो बजे रवाना हो जाएंगे। वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाकर दर्शन करेंगे। 
इसके बाद रामलला के दर्शन करेंगे और फिर भूमिपूजन में शामिल होंगे। व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेंद्रचंद्र अवस्थी समेत आला अधिकारियों ने मानस भवन में बैठक की और भूमि पूजन के दौरान मंच की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया। समारोह के दौरान मंत्रियों, संघ, विहिप समेत अन्य अतिथियों को अलग-अलग तीन ब्लॉक में बैठाया जाएगा।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने जा रहे भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान रामनगरी में भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जाएगा। कार्यक्रम में कोविड-19 के  नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। सरकार लोगों से अयोध्या पहुंचने के बजाय अपने घरों पर ही रहकर इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने की अपील कर रही है।

लंबे इंतजार के बाद मूर्त रूप लेने जा रहे राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। इस मौके पर अयोध्या में लोगों की भीड़ रोकने के लिए शासन स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार पूरे आयोजन में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए केवल उन्हीं चुनिंदा लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी जिन्हें आमंत्रित किया जा रहा है।

अयोध्यावासियों व अन्य को कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की जा रही है। सूत्रों के अनुसार 5 अगस्त को भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न होने तक अयोध्या में आम लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी।

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