देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार ‘चार धाम यात्रा’ के लिए ऑनलाइन पंजीकरण सोमवार को पर्यटन विभाग के पोर्टल पर शुरू हो गया. श्रद्धेय तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए तीर्थयात्री 15 अप्रैल से आधिकारिक वेबसाइट पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. उत्तराखंड में चार-धाम यात्रा में चार मंदिरों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन शामिल हैं. इस साल चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू होगी, जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ सहित चार में से तीन मंदिरों के कपाट खुलेंगे. बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे. बता दें कि चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती है. यह यात्रा आम तौर पर अप्रैल/मई से अक्टूबर/नवंबर तक होती है.
पिछले सप्ताह, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बद्रीनाथ धाम का दौरा किया और चारधाम यात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रा शुरू होने से पूर्व सीवर लाइन की मरम्मत, आंतरिक मार्गों का सुधार, पानी, बिजली, स्ट्रीट लाइट एवं वाहन पार्किंग से संबंधित कार्य पूर्ण कर लिये जायें तथा यात्री सुविधा हेतु साइनेज भी लगा दिये जायें. ऊंचाई पर स्थित मंदिर हर साल लगभग छह महीने के लिए बंद रहते हैं, गर्मियों में (अप्रैल या मई) खुलते हैं और सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर या नवंबर) के साथ बंद हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए. इसलिए तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है. यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती है (हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं). कुछ भक्त ‘दो धाम यात्रा’ या दो मंदिरों, केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा भी करते हैं.
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