जामताड़ा। जामताड़ा, झारखंड राज्य का एक जिला है। यहां बड़ी संख्या में सांप पाए जाते हैं। इन सांपों की वजह से ही इस जिले का नाम जामताड़ा पड़ा। जामताड़ा, जामा और ताड़ शब्द से बना है। दरअसल, संथाली भाषा में जामा का मतलब होता है सांप और ताड़ का मलतब होता है आवास, यानी सांपों का आवास (घर)। जामताड़ा को बॉक्साइट की खदानों के लिए भी जाना जाता है। इन सबके अलावा अब इस जिले को ‘ठगी में लिप्त’ जगह के तौर पर भी जाना जाने लगा है। कहते हैं कि अब ये जिला एक ऐसी जगह बन गया है, जहां का एक फोन कॉल लोगों को कंगाल बना देता है।

कई साल पहले तक यह जिला पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता था। लोगों के कच्चे घर हुआ करते थे। उनके पास सुविधा के नाम पर साइकिल हुआ करती थी या बहुत हुआ तो मोटरसाइकिल। लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है। लोगों के घर पक्के हो गए हैं, घरों के आगे कारें लगी होती हैं। मतलब ये है कि अब यहां के लोगों के पास सुख-सुविधा के नाम पर सबकुछ है और कहा यह भी जाता है कि ये सब सिर्फ उन्ही फोन कॉल की वजह से हुआ है।

इस जगह को साइबर ठगी का गढ़ माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि पूरे देश में हो रही साइबर ठगी के 80 फीसदी मामले जामताड़ा से जुड़े हुए हैं। चार-पांच राज्यों को छोड़ दें तो देश का ऐसा कोई भी राज्य नहीं होगा, जहां की पुलिस साइबर ठगी के मामले की जांच के लिए जामताड़ा न आई हो। जामताड़ साइबर ठगी के मामले में एक बदनाम जिला बन कर रह गया है और खासकर इस जिले का करमाटांड़ गांव।

कुछ साल पहले बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के बैंक खाते से पांच लाख रुपये गायब हो गए थे। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और सांसद परणीत कौर के खाते से करीब 23 लाख रुपये, एक केंद्रीय मंत्री के खाते से करीब दो लाख रुपये, केरल के एक सांसद के खाते से डेढ़ लाख रुपये की ठगी हुई और इन सबके तार जामताड़ा से जुड़े हुए थे। इन चर्चित मामलों के अलावा हजारों ऐसे लोग हैं, जिनके खाते से पैसे गायब हुए और वो पैसे फिर उन्हें कभी नहीं मिले।

पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, जामताड़ा में साइबर ठगी की शुरुआत साल 2013 से हुई। उस समय से अब तक कई राज्यों की पुलिस जामताड़ा से सैकड़ों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन अपराधियों के बैकग्राउंड (पृष्ठभूमि) की जांच की गई तो आय से अधिक संपत्ति का पता चला। ये वो अपराधी थे, जो लोगों को फोन कर उन्हें बेवकूफ बनाते थे और उनके खाते से पैसे अपने पास ट्रांसफर कर लेते थे।

जामताड़ा में सैकड़ों गांव हैं और कहते हैं हर गांव के कुछ लोग साइबर ठगी में लिप्त हैं। वो पहले लोगों को फोन करते हैं और उनसे बात करके कहते हैं कि वो फलाना बैंक से बोल रहे हैं यानी जिस बैंक में उस व्यक्ति का खाता है। इसके बाद वो ठग लोगों से कहते हैं कि आपका खाता अपडेट करना है या खाता बंद होने वाला है या किसी और बहाने से उनकी बैंक से जुड़ी निजी जानकारियां ले लेते हैं और मिनटों में उनके खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। यानी हम कह सकते हैं कि जामताड़ा का एक ‘हैलो’ लोगों को पल भर में कंगाल बना देता है।

ऐसी ठगी से बचने का एक ही तरीका है कि आप सतर्क रहें। अगर आपके पास इस तरह का कोई कॉल आता है और आपसे आपके बैंक से जुड़ी निजी जानकारियां, मसलन एटीएम कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर, पिन नंबर या ओटीपी नंबर मांगता है तो सतर्क हो जाएं और उससे इस तरह की कोई भी जानकारी साझा नहीं करें।

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