मनोज शर्मा
बोकारो : धनबाद लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के चयन को लेकर इंडी गठबंधन में पेंच फंसा हुआ है. केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेताओं द्वारा कई दौड़ की बैठक के बावजूद प्रत्याशी का चयन नहीं होने से धनबाद संसदीय क्षेत्र की जनता में संशय की स्थिति बनी हुई है. एक अनार सौ बीमार वाली हालत बनी हुई है.
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का नाम सामने आते ही कांग्रेस खेमे में उठा पटक शुरू हो गया. वहीं पूर्व सांसद रहे ददई दुबे उर्फ चंद्रशेखर दुबे भी अपनी दावेदारी मजबूती से रख रहे हैं, दूसरी तरफ झरिया से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी दबाव बनाने को लेकर दिल्ली दरबार तक का दौरा कर चुकी है. धनबाद से चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस से कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह के घर में भी रस्साकशी शुरू है. बेरमो से कांग्रेस विधायक कुमार जय मंगल उर्फ अनूप सिंह अपनी पत्नी अनुपमा सिंह को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं, वहीं उसी घर से राजेंद्र सिंह के छोटे पुत्र कुमार गौरव भी अपनी दावेदारी नेतृत्व के सामने मजबूती से रख रहे हैं. कुमार गौरव झारखंड युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं और वर्तमान में राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड में सक्रिय रूप से शामिल है.
गिरिडीह लोकसभा से पांच दफा सांसद रहे रविंद्र कुमार पांडे भी 2019 में भाजपा से दरकिनार करने के बावजूद 5 साल तक पार्टी में झूलते रहे कि शायद 2024 के चुनाव में भाजपा से टिकट मिल जाए, लेकिन भाजपा गठबंधन के तहत गिरिडीह सीट आजसू के खाते में चला गया, जिसको लेकर कभी कांग्रेस से भाजपा में पैराशूट से उतरे रविंद्र कुमार पांडे को टिकट दे दिया गया था और उन्होंने एक बार झामुमो के टेकलाल महतो से हार के बाद पांच दफा यह सीट बीजेपी को जीत दिलाई बावजूद टिकट नहीं मिलने से बेरमो से कांग्रेस विधायक के कंधे पर सवार हो गिरिडीह से कांग्रेस टिकट की कवायद में लगे रहे. रविंद्र पांडेय गिरिडीह सीट झामुमो में जाने के बाद धनबाद से कांग्रेस टिकट को लेकर खेमाबंदी कर रहे थे लेकिन अनूप सिंह खुद अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने को लेकर मशक्कत शुरू कर दी. दूसरी तरफ घर में ही विवाद शुरू हो गया. अनूप सिंह के छोटे भाई कुमार गौरव ने भी धनबाद सीट से अपनी दावेदारी ठोक दी जिसके कारण रविंद्र कुमार पांडे हाशिये पर चले गए. हालांकि रविंद्र कुमार पांडे अभी भी लगे हुए हैं कि धनबाद कांग्रेस से बात बनी तो ठीक नहीं तो गिरिडीह से झामुम प्रत्याशी मथुरा महतो को मना लिया जाए. बाजार में ऐसी चर्चा है कि शायद मथुरा महतो मान भी जाए अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर.
दूसरी तरफ प्रदेश के कद्दावर नेता सरयू राय ने धनबाद सीट पर अपनी एंट्री मारी और भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. सरयू राय के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद इंडी गठबंधन पशोपेश की स्थिति में है, जिसके कारण अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है.
अब देखना है कि इंडी गठबंधन एक बार फिर सरयू राय के साथ खड़ी होकर भाजपा को मात देने का काम किया था और रघुवर दास को चारों खाने चित कर दिया था, कहीं फिर से इस फार्मूले के तहत भाजपा का गढ़ रहा धनबाद को एक बार फिर से भेदने का प्रयास करेगा.
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