नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने “एक देश, एक चुनाव” के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को मंजूरी दी. इस रिपोर्ट के बाद, केंद्र सरकार इसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश करने की योजना बना रही है. हालांकि, इस प्रक्रिया में संविधान संशोधन और राज्यों की सहमति भी आवश्यक होगी, जो कि इस पहल के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है. 2024 के आम चुनाव में बीजेपी ने इस योजना का वादा किया था.
15 अगस्त को ही मिल गए थे संकेत
मार्च में राम नाथ कोविंद के नेतृत्व में पैनल ने अपनी 18,626 पेज वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. कैबिनेट की ओर से हां के संकेत एक दिन पहले ही मिल गए थे, जब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल के दौरान अगले पांच वर्षों के भीतर लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि सरकार इस कार्यकाल के भीतर एक राष्ट्र एक चुनाव लागू करने की योजना बना रही है. तीसरी बार शपथ लेने के बाद अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का जिक्र किया था. उन्होंने जोर देकर कहा था कि लगातार चुनाव देश के विकास को धीमा कर रहे थे.