रांची : कभी अपनी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए रांची की गलियों और चौराहों में करीब 12 वर्षों तक अखबार बेचने वाले राजेश जापान में 10 ऐशियाई देशों के बीच करीब दो महीने तक भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. राजेश का चयन इएट्स फोरम (IATSS : International Association of Traffic and Safety sciences) फेलोशीप के लिये हुआ है. इसके तहत राजेश 18 मई से 16 जुलाई तक जापान में 10 ऐशियाई देशों के बीच दिल्ली कि रहने वाली अन्य दो साथियों आयुषी और नैना के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इस कार्यक्रम में भारत के अलावा कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, मयांमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम से भी दो-दो प्रतिनिधि भाग लेंगे. भारत में इएट्स फोरम सचिवालय लीड इंडिया द्वारा आयोजित दो चरणों की कठिन आवेदन और इंटरव्यू की प्रक्रिया के द्वारा राजेश का चयन भारत का प्रतिनिधित्व के लिये किया गया.
मारवाड़ी हाई स्कूल से स्कूल की पढ़ाई करने वाले और संत जेवियर कॉलेज से बीए और एमए की पढ़ाई करने वाले राजेश सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में और लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिये कार्य करते रहे हैं. इसके अलावा राजेश देश और समाज़ में नेतृत्व निर्माण के लिये भी प्रतिबद्ध हैं.
1985 में स्थापित इएट्स फॉरम एक अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान है, जिसका उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों में सर्वोत्तम गुण लाना है जो एक दिन एशिया में भविष्य के नेता बनेंगे. इएट्स फोरम एक ऐसा स्थान प्रदान करता है जहां युवा पेशेवर एकत्रित होते हैं. संबंधित एशियाई देशों से युवा और उत्कृष्ट व्यक्तियों को आमंत्रित करते हुए, यह प्रतिभागियों को सेमिनार, क्षेत्र अध्ययन, समूह अध्ययन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे के देशों को समझने के साथ-साथ एशिया में वर्तमान मुद्दों को हल करने के प्रयास करने के अवसर प्रदान करता है. जिसका उद्देश्य “एक साथ सोचना और सीखना” है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को एशिया के अगली पीढ़ी के नेता बनने के लिए प्रशिक्षित करना और समूह की शक्तियों को अधिकतम तक पहुंचाना है.
कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान और विषयगत चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ, नेतृत्व विकास कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान के निर्माण और मुद्दों के लिए अंतःविषय दृष्टिकोण की कार्यप्रणाली सीखने पर भी ध्यान केंद्रित करता है. युवाओं को जापान के प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और शिक्षाविदों, व्यापारिक नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. यह कार्यक्रम एक संवादात्मक और अनुभवात्मक यात्रा है क्योंकि यह प्रतिभागियों को स्थानीय स्वयंसेवकों, विश्वविद्यालय के छात्रों और एशिया के अन्य नेताओं के साथ बातचीत करने में मदद करता है.
राजेश अपने परिवार में पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने हाई स्कूल और आगे की पढ़ाई कि है. वर्तमान में राजेश छोटानागपुर के छात्र भी हैं और नामकुम के कालीनगर में रहते हैं.
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