रांची: वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे के इस साल का थीम “लो बैक पेन” (कमर दर्द) है. इस पर एक्सपर्ट्स  विशेष ध्यान दे रहे है. चूंकि लो बैक पेन को दूर करने में फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है. इतना ही नहीं इससे लो बैक पेन को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. ये बातें झारखंड चैप्टर के इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स (आईएपी) के सेमिनार में एक्सपर्ट्स ने कही. बरियातू स्थित झारखंड राज्य फिजियोथेरेपी काउंसिल कैंपस में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एनएचएम एमडी अबु इमरान मौजूद थे. सेमिनार में रेडियोलॉजिस्ट डॉ जियाउर रहमान, न्यूरो सर्जन डॉ अरुण कुमार, ओर्थोपेडिक सर्जन डॉ एकांश देबुका और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ नेहा ने कमर दर्द पर अपने विचार साझा किए.

रजिस्टर्ड फिजियोथेरेपिस्ट से इलाज कराएं

आईएपी के प्रेसिडेंट डॉ अजीत कुमार ने कहा, फिजियोथेरेपी लो बैक पेन के मरीजों के लिए अत्यधिक प्रभावी है. वहीं सेक्रेटरी डॉ राजीव रंजन ने नियमित फिजियोथेरेपी की उपयोगिता पर जोर दिया. डॉ अभय कुमार पाण्डेय ने कमर दर्द के मरीजों को सही पोस्ट्चर और बैठने की आदतों पर ध्यान देने की सलाह दी. सेमिनार में सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ उमा सेन गुप्ता, डॉ दिनेश ठाकुर, के अलावा अन्य प्रमुख फिजियोथेरेपी डॉक्टर भी उपस्थित थे. उन्होंने मरीजों को केवल क्वालिफाइड और रजिस्टर्ड फिजियोथेरेपिस्ट से इलाज कराने की सलाह दी.

फिजियोथेरेपी के तहत लेजर थेरेपी, शॉर्ट वेव डायथर्मी, अल्ट्रासोनिक और मैनुअल थेरेपी जैसे विभिन्न तरीकों से कमर दर्द का इलाज किया जाता है. जिससे कि सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती. इस प्रकार फिजियोथेरेपी मरीजों की जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

 

 

 

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