रांची: किडनी के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन रिम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग एवं इकोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा किया गया. वर्ल्ड किडनी डे के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत नुक्कड़ नाटक से हुई. एमबीबीएस के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक रिम्स के ट्रामा सेंटर परिसर और ओपीडी काम्प्लेक्स में किया. नाटक के जरिये छात्रों ने बताया कि किडनी की बीमारी से कैसे बचें और अंगदान से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में जानकारी दी. इसके बाद जागरूकता रैली निकाली गयी. यह रैली ट्रामा सेंटर से शुरू होकर मुख्य अस्पताल परिसर होते हुए अकादमिक भवन पहुंची, जहां रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान रिम्स निदेशक प्रो डॉ राजकुमार ने कहा कि किडनी की बीमारी से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है. लोगों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए जैसे कि एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए या नमक की सही मात्रा क्या है.

प्रतिष्ठा पाने के लिए ज्ञान चाहिए

साथ ही मेडिकल छात्रों को उनके करियर के संबंध में सलाह देते हुए कहा कि “आपको यह तय करना होगा कि आप किस दिशा में जाना चाहते हैं. उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आज से ही काम करना शुरू कर दें क्योंकि पद पाने के लिए अंक चाहिए लेकिन प्रतिष्ठा पाने के लिए ज्ञान चाहिए.

रक्तचाप और शुगर पर नियंत्रण जरूरी

नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ प्रज्ञा पंत ने किडनी की बीमारी से बचने और इसकी रोकथाम के विषय में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रक्तचाप और शुगर पर नियंत्रण रखें. अनावश्यक दवाएं लेने से बचें. पानी का नियमित सेवन करें और समय समय पर जांच करायें. दुनियाभर में बढ़ती किडनी की बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है. इस साल का थीम है किडनी हेल्थ फॉर ऑल. मौके पर डीन प्रो डॉ विद्यापति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन्द्र बिरुआ, उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, रिम्स इकोलॉजिकल सोसाइटी के चेयरमैन डॉ राजीव रंजन मौजूद थे.

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