Joharlive Team
रांची। डोरंडा थाना में मेकॉन के सीएमडी अतुल भट्ट, चीफ जनरल मैनेजर संजय कुमार सिन्हा, चीफ सुरक्षा अधिकारी एसके सिंह समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। यह प्राथमिकी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता की शिकायत पर हुई है। इससे पूर्व अधिवक्ता अभिषेक द्वारा सिटी एसपी, डीजीपी से इनलोगों के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन, कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर किया था। जिसके बाद डोरंडा थाना में कांड संख्या 218/20 दर्ज किया गया है। इस मामले में जांच शुरू कर दी गयी है।
क्या है आरोप
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़ित अधिवक्ता अभिषेक पुंदाग ओपी इलाके में रहते है। उनका आरोप है कि वह मेकॉन ग्राउंड में मॉर्निंग वॉक के लिए पिछले 2 साल से जा रहे थे। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान वह नहीं जाते थे। कुछ दिन बाद स्थिति ठीक होने पर वह वापस जाने लगे। 30 मई को जब वह मेकॉन श्यामली एरिया के नजदीक पहुंचे। तब उनकी कार को 5- 6 सुरक्षा जवानों ने रोक लिया और आगे जाने नहीं दिया। इस घटना के बाद वहां पर सुरक्षा इंचार्ज एनके झा पहुंचे और अधिवक्ता को धमकी देते हुए अंदर नहीं जाने दिया यह कहते हुए की यहां सिर्फ मेकॉन के लोग ही जा सकते हैं। इसके बाद एनके झा ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। जब उन्होंने मामले को लेकर डायल 100 पर फोन किया, तब कॉल नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी रांची एसएसपी को दी। इसके काफी देर बाद पुलिस की पेट्रोलिंग टीम वहां पहुंची। फिर एनके झा ने उन्हें बाद में यह कहा की उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि सीएमडी, सीजीएम और मुख्य सुरक्षा ऑफिसर मेजर एसके सिंह का आदेश है। मेकॉन को छोड़कर अन्य कोई दूसरा बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं करें।
आरोप बेबुनियाद, प्रबंधन अपना पक्ष अदालत में रखेगी : संजय सिन्हा
इस मामले में मेकॉन के चीफ जनरल मैनेजर संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अधिवक्ता द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। प्रबंधन अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखेगी। अधिवक्ता का विवाद सुरक्षा में तैनात जवानों से हुई है। लेकिन उन्होंने मेकॉन के कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इससे पूर्व कहा कि 20 मई को पूरे देश व राज्य में कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन लगा हुआ था। मेकॉन कॉलोनी में सुरक्षाकर्मियों ने अधिवक्ता को मॉर्निंग वॉक करते देखा। इस पर उन्हें सवाल किया गया कि लॉकडाउन में घर पर ही रहे और बाहर नहीं निकले। इस पर अधिवक्ता गुस्सा हो गए थे।