साहिबगंज : मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र के बरतल्ला गांव में एक नाबालिग को मोबाइल चोरी के आरोप में 24 घंटे से ज्यादा समय तक बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं, इस दौरान उसकी जमकर पिटाई भी गई। युवक को ग्रामीणों से छुड़ाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। काफी मशक्कत और मान-मनौव्वल के बाद पुलिस नाबालिग को ग्रामीणों से बचाकर थाने ले गई है।
घटना से ग्रामीण काफी नाराज थे। वे इस मामले में कानूनी सजा की जगह पंचायत का फरमान जारी करना चाहते थे। बरतल्ला के प्रधान संजी हेंब्रम ने पुलिस चौकी के बजाय गांव की पंचायत बैठाकर आदिवासी ढंग से युवक को सजा देने की काफी कोशिश की। हालांकि, पंचायत में देरी और दो ASI स्तर के अधिकारी के समझाने के बाद ग्रामीण मान गए।
नाबालिग की मां ने थाने में बेटे के बचाने की लगाई गुहार
दरअसल, बरतल्ला गांव के ग्रामीण पड़ोस के ही महादेववरण गांव के एक नाबालिग युवक को मोबाइल चोरी के आरोप में गांव से उठाकर बरतल्ला ले आए थे और मारपीट कर रहे थे। परेशान नाबालिग की मां सुनीता देवी मिर्जाचौकी थाने पहुंचकर बेटे को बचाने की गुहार लगाने लगी। उसने बताया कि बरतल्ला के 15 से ज्यादा युवक उनके बेटे को घर से उठाकर ले गए हैं और उसके साथ मारपीट कर रहे हैं।
आवेदन मिलते ही थाना प्रभारी अशोक प्रसाद ने सब इंस्पेक्टर कृष्णा मुंडा को बच्चे को छुड़ाने की जिम्मेदारी दी। गांव वाले नहीं माने और पुलिस को वापस लौटना पड़ा। मंगलवार सुबह ASI सोलाय सुंडी और सत्येंद्र प्रसाद को दल बल के साथ युवक को छुड़वाने भेजा गया। लंबे समय तक बातचीत के बाद ग्रामीण बच्चे को छोड़ने के लिए तैयार हुए।
मॉब लिंचिंग में सख्त कानून लागू करने की तैयारी
हाल में बढ़ती इस तरह की घटनाओं को देखते हुए झारखंड सरकार राज्य में मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसे विधानसभा से पास भी करा लिया गया है। इसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।