रांचीः आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है। राज्य के टेट पास सहायक अध्यापक अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष धरना दे रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष बैठे शिक्षकों ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृषणन की जयंती पर उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर शिक्षक दिवस मनाया। और अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठ गए। इस दौरान आंदोलनकारी टेट पास सहायक अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी और वेतनमान की घोषणा नहीं करने पर बेमियादी आंदोलन चलाने की चेतावनी तक दे डाली।
मौके पर शिक्षकों का कहना है कि राज्य के सहायक अध्यापक विगत 20 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं। यही नहीं, राज्य के 14042 सहायक अध्यापक 2013 और 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा भी पास कर चुके हैं और NEP और NCTE की सारी अहर्ता को भी पूरा कर लिये हैं। लेकिन, आनन-फानन में 2012 नियमावली को मनमाने तरीके से दरकिनार कर झारखंड के मूलवासी पारा शिक्षकों को सरकारी नौकरी से वंचित रखने का काम किया जा रहा है। शिक्षकों ने कहा कि दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी देने के उद्देश्य से सहायक आचार्य नियुक्ति नियामावली बनाई है, जिसमें लगातार 9 घंटे की परीक्षा का प्रावधान कर दिया गया है। जबकि देश में किसी राज्य में ऐसी कोई प्रतियोगिता परीक्षा नहीं होती है जहां 10 सालों के बाद सुपर टेट की परीक्षा ली जाती है।
शिक्षक नेता चंद्रेश्वर पाठक ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा झारखंड महाधिवक्ता से लिया गया लिखित परामर्श में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा भी है। इसके अलावा 9 JUNE 2020 को उच्च स्तरीय कमेटी ने इनको वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा भी थी, परंतु आज इन्हें वेतनमान से वंचित रखा गया है। सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली का विरोध कर रहे पारा शिक्षकों का कहना है कि हमसे 9 घंटे की लंबी परीक्षा लेकर 2400-2800 ग्रेड पे दिया जाएगा, जो कहीं से न्यायोचित नहीं है। राज्य सरकार बाद सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित करते हुए टेट पास सहायक अध्यापका की वेतनमान की घोषणा नहीं करती है, तो राज्य के तमाम टेट पास सहायक अध्यापकों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा। ज्ञात हो कि टेट पास सहायक अध्यापकों का अनिश्चितकालीन अनशन पिछले 22 अगस्त से जारी है।
टेट सफल सहायक अध्यापकों का मानना है कि एक तरफ अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के सिर्फ प्रशिक्षण के आधार पर ही सीधे 4200-4600 ग्रेड पे पर बिना किसी परीक्षा के शिक्षक बहाली की गई और विभागीय आदेश को भी प्रतिनिधि मंडल के मिलते ही आनन फानन में बदल दिया गया. वहीं, दूसरी तरफ 19-20 वर्षो से कार्य कर रहे है वैसे टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान का आश्वासन देकर भी सरकार सिर्फ ठगने का कार्य कर रही है.
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