रांची. रांची में इस बार की रामनवमी कुछ अलग अंदाज में मनायी जा रही है. पुरुषों के वर्चस्व वाले इस त्योहार को महिलाएं अपने दुर्गा स्वरूप से चुनौती देती नजर आ रही हैं. राजधानी की महिलाओं ने बताया कि समय की पुकार है कि बेटियां अब एक हाथ में कलम और दूसरे हाथ में आत्मरक्षा के लिए तलवार पकड़ें.
रांची में रामनवमी पर तलवारबाजी दिखा रही महिलाओं की जुबां पर बस एक ही बात है “बर्दाश्त नहीं करेंगे अब कोई अपमान, बना रहेगा नारी का मान और सम्मान”. रांची में रामनवमी पर इस बार नजारा अलग अलग सा दिख रहा है. अखाड़ों में पुरुषों की जगह अब महिलाएं सिर पर पगड़ी बांध तलवार चमकाने में जुटी हैं. धूप की रोशनी में चमकती तलवारों से यह संदेश दिया जा रहा है कि बेटियों के सम्मान के साथ अब समझौता नहीं किया जा सकता.
रांची के सुखदेवनगर थानाक्षेत्र में बकायदा नारी सेना की ओर से महिलाओं और बच्चियों को परंपरागत शस्त्र विद्या का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रामनवमी पर महिलाओं के समूह का उत्साह भी देखते बन रहा है.
अखाडे़ में तलवार चमकाने वाली महिलाओं में शामिल नारी सेना की अध्यक्ष पूनम सिंह बताती हैं कि वक्त बदल चुका है. आये दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़, हिंसा और प्रताड़ना की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनती हैं. ऐसे में अब जरूरत है कि बेटियां किताब की शिक्षा के साथ साथ हथियारों की शिक्षा भी ग्रहण करें. उन्होंने बताया कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है. ऐसे में तलवारबाजी आत्मरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.
नारी सेना की सदस्य खुशबू वर्मा की माने तो हथियारों में प्रशिक्षण को लेकर हमेशा से ही पति का सहयोग मिला है. खुशबू की माने तो वक्त बदल रहा है और आज महिलाएं किसी की दया की मोहताज नहीं हैं. खुशबू को तलवार के साथ साथ भाला और बरछी चलाना भी बखूबी आता है.
नारी सेना की कोच रूपा देवी हथियारों के प्रशिक्षण को लेकर उत्साह से भरी नजर आती हैं. उन्होंने बताया कि बदलते दौर में बेटियों को कलम के साथ-साथ आत्मरक्षा के लिए हथियारों का भी प्रशिक्षण लेना चाहिए. आज की बेटियां स्कूल, कॉलेज के साथ देर रात ट्यूशन से घर लौटती हैं. ऐसे में शस्त्र प्रशिक्षण उनमें हौसले और साहस के साथ आत्मविश्वास भी पैदा करता है.