रांची। झारखंड पुलिस की ओर से गुरुवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया। इस दौरान डोरंडा स्थित जैप वन परिसर में डीजीपी नीरज सिन्हा ने शहीदों के स्मारक पर पुष्प अर्पित की । साथ ही डीजीपी ने देश की आंतरिक सुरक्षा में जान गंवाने वाले रांची सहित झारखंड के वीर शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों ने शहीदों के परिवार के बीच दुख बांटने की भी कोशिश की।
मौके पर डीजीपी ने कहा कि शहादत देने वाले पुलिस पदाधिकारी और जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि हम उन शहीद पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को याद कर रहे हैं,जिन्होंने समाज में शांति व विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए उग्रवादियों-अपराधियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान दिया है।
पूरे देश में एक साल के भीतर 67 पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों ने कर्तव्य के दौरान अपनी शहादत दी है। इनमें चार पुलिस पदाधिकारी-कर्मी झारखंड के हैं।
पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। साथ ही परिसर में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है। डीजीपी ने इसके बारे में जानकारी ली।
उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कंपनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग‘ में तैनात किया गया था। कंपनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया था। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग’ में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया।
मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। बीते 61 साल से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।