रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सस्ती दर पर दवाई मुहैया कराने वाली दुकान ‘दवाई दोस्त’ (Dawai Dost) के बंद होने की चर्चा जोरों पर है. पिछले दिनों रिम्स निदेशक ने दवाई दोस्त को बंद करने को लेकर नोटिस जारी किया था. जिसके बाद दवाई दोस्त के संचालन पर कई सवाल उठने लगे थे साथ ही साथ रिम्स प्रबंधन पर भी सवाल उठे.
रिम्स निदेशक का जवाब
दवाई दोस्त के बंद होने पर उठ रहे सवाल का निदेशक डॉक्टर कामेश्वर प्रसाद ने जवाब दिया है. उनके मुताबिक 2015 में रिम्स गवर्निंग बॉडी की 41वीं बैठक में दवाई दोस्त को एक साल के लिए रिम्स परिसर में दवा बेचने की अनुमति दी गई थी. जिसकी अवधि 28 जून 2016 को ही समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद दवाई दोस्त अपनी दुकान को संचालित करता रहा. उन्होंने बताया कि दवाई दोस्त की दुकान को संचालन के लिए एक्सटेंशन नहीं मिला था. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट ने दवाई दुकान को संचालित करने की प्रक्रिया के बारे में सवाल पूछा था. उन्होंने कहा वे सिर्फ हाई कोर्ट के निर्दशों का पालन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री जन औषधि दुकान होंगे दुरूस्त
रिम्स निदेशक ने बताया कि दवाई दोस्त दुकान के कारण प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की दुकान पर लोग नहीं पहुंच रहे थे. इसलिए अब जन औषधि की दुकान को दुरुस्त किया जाएगा और नई टेंडर प्रक्रिया के तहत एक महीने के भीतर मरीजों के लिए व्यवस्था को दुरूस्त किया जाएगा.
उषा देवी की मौत की हो रही है जांच
रिम्स निदेशक ने ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी की मौत के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है और जैसे ही उस पर रिपोर्ट आएंगी, दोषी चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी.