नयी दिल्ली : नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम बदलने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि नाम से नहीं, पंडित नेहरू की पहचान उनके कर्म से है। राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम परिवर्तन से जुड़े एक संवाददाता के सवाल पर यह बात कही।
लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस ने आपत्ति जतायी थी
उल्लेखनीय है कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल कर अब इसे प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना और नष्ट करना है।
1964 में नेहरू स्मारक संग्रहालय बनाया गया था
नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने फैसला किया कि तीन मूर्ति भवन नेहरू को समर्पित किया जाना चाहिए। तब की सरकार ने इसमें एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा। 14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया। इसके दो साल बाद संस्था के प्रबंधन के लिए NMML सोसाइटी की स्थापना की गयी और तब से यही बनी हुई थी।