गाजियाबाद: डासना मंदिर परिसर में पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी को लेकर विवाद के बाद रविवार को होने वाली महापंचायत के लिए लोगों की भीड़ सुबह से ही जुटने लगी. हालांकि, पुलिस ने लोगों को मंदिर के अंदर जाने से पहले ही रोक दिया, जिससे बड़ी संख्या में लोग वापस लौट गए. कुछ लोग महापंचायत में शामिल होने की जिद पर अड़े रहे, जिनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया. स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे और जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी. स्थानीय लोगों को भी दुकानों और प्रतिष्ठानों में जाने के लिए पूछताछ के बाद अनुमति दी जा रही थी. उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली से भी संत पंचायत में बड़ी संख्या में पहुंचे थे. एक दिन पहले ही 50 से अधिक संतों का जत्था मंदिर में पहुंच चुका था. संतों ने कहा कि यदि पुलिस लोगों को आने से रोक रही है, तो वहीं पर महापंचायत शुरू कर दी जाए. इस बीच, यति नरसिंहानंद की एक सप्ताह से कोई जानकारी नहीं है, जिसके बारे में समर्थकों का आरोप है कि उन्हें गायब किया गया है. पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है. डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं.
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी अपने समर्थकों के साथ महापंचायत में शामिल होने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. विधायक ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया. उन्होंने वहीं पर महापंचायत करने की घोषणा की और पुलिस पर कई आरोप लगाए. जब 400 से अधिक लोग बैरिकेड को पलटने लगे, तो पुलिस और लोगों के बीच हाथापाई हुई. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और स्थिति को काबू में किया. इस घटनाक्रम से भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई और बड़ी संख्या में लोग वापस लौट गए. महापंचायत में आने वाले लोगों ने सड़क किनारे बेतरतीब वाहन खड़े कर दिए, जिससे एनएच पर जाम लग गया. पुलिस ने किसी तरह व्यवस्था को बनाए रखा.