श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए ‘समय दूर नहीं है’, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि चुनाव 30 सितंबर से पहले कराने होंगे और केंद्र के लिए ऐसा करना मजबूरी है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर केंद्र विधानसभा चुनाव पहले करा लेता तो यह “एहसान” होता, लेकिन अब उसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयसीमा का पालन करना होगा. यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. अगर पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले चुनाव कराए होते तो यह हमारे लिए एक एहसान होता. अब 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना उनके लिए मजबूरी है. जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के पीएम मोदी के आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार अब तक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के पीछे का कारण नहीं बता पाई है.
उन्होंने कहा कि जहां तक राज्य का दर्जा का सवाल है, वह हमें इसका कारण नहीं बता सके कि यह हमसे क्यों लिया गया. हम समझते हैं कि उनके घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 को हटाने का उल्लेख किया गया था, लेकिन राज्य का दर्जा क्यों लिया गया? बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और विधानसभा चुनाव भी जल्द होंगे.
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