रांची : राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट लिमिटेड है. ऐसे में लोग ओला, उबर, रैपिडो और अन्य प्राइवेट बाइक टैक्सी का इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से ओला बाइक वाले मनमानी पर उतर आए है. जिससे कि ओला बाइक से सफर करने वाले परेशान हो रहे है. इतना ही नहीं चालक बुक करने वालों से मिसबिहेव तक कर रहे है. वहीं बहस तो आम हो गई है. लेकिन इनकी मॉनिटरिंग का कोई सिस्टम नहीं होने के कारण ही ये लोग मनमानी से बाज नहीं आ रहे है.
बिना कामर्शियल रजिस्ट्रेशन के दौड़ रही
राजधानी में हजारों की संख्या में ओला बाइक दौड़ रही है. लेकिन किसी भी बाइक का कामर्शियल रजिस्ट्रेशन नहीं है. प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाली नार्मल बाइक को ही ओला राइड के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे समझा जा सकता है कि कैसे कंपनी और चालक बंपर कमाई कर रहे है. वहीं परिवहन विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है. इसे लेकर परिवहन विभाग भी मौन है. इसी का फायदा ओला कंपनी के संचालक उठा रहे है.
केस 1
वी कुमारी अपर बाजार से अशोक नगर के लिए ओला बाइक की बुकिंग की. जिसमें बुकिंग फेयर 33 रुपए दिखाया. बाइक के चालक ने उन्हें फोन किया और 90 रुपए किराया मांगा. इसे लेकर दोनों में बहस भी हुई. इसके बाद राइड को कैंसिल कर दिया.
केस 2
एके शर्मा ने ओला बाइक बुक किया. चेशायर होम से बूटी मोड़ के लिए. दो बार चालक ने किराया कम बोलकर कैंसल करा दिया. तीसरी बुकिंग में ड्राइवर आया तो ज्यादा पैसे की मांग की. नहीं जाने पर उसने मिसबिहेव भी किया. फिर बहस भी की.
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