Joharlive Desk
नई दिल्ली : भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की नीलम वैली में तोप से दागे गए गोले में 18 आतंकी मारे गए हैं। इसके अलावा अक्तूबर 19 और 20 को हुई कार्रवाई में पाकिस्तान के 16 जवान भी मारे गए थे। हालांकि सेना ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
अधिकारियों का कहना है कि भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया था और अन्य जिहादियों को मार गिराया था। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के संघर्षविराम का उल्लंघन करने के बाद भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब देते हुए कार्रवाई की थी।
रविवार को सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दो बार भारतीय सेना की पीओके में स्थित लॉन्च पैड पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्री ने इस कार्रवाई के लिए सेनाध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने रावत से कहा कि किसी भी लॉन्च पैड को न बख्शा जाए लेकिन इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के गोला बारूद और राशन डिपो बर्बाद हो गए थे। वहीं नीलम घाटी में मौजूद चार लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया। इसके अलावा जूरा, अथमुकाम और कुंडलशाही के लॉन्च पैड को लक्षित किया गया था।
रक्षा मंत्री सोमवार को एलएसी के नजदीक श्योक नदी पर बने कर्नल शेवांग रिनशेन पुल का लोकार्पण करने के बाद कहा कि यदि उसने घुसपैठ नहीं रोकी तो सेना मुंहतोड़ जवाब देती रहेगी। उन्होंने साफ संदेश दिया कि वह भारत को अस्थिर करने की साजिश के तहत अपनी धरती से आतंकी गतिविधियों को तत्काल रोके अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे। रविवार जैसी कार्रवाई पाकिस्तान के घुसपैठ न रोकने तक चलती रहेगी।